सागर। उज्जैन के बाद अब सागर में निजी बिजली कंपनी एस्सेल का ठेका निरस्त होना तय माना जा रहा है। पिछले दिनों मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर की जबलपुर में हुई बैठक में एस्सेल कंपनी का ठेका निरस्त करने पर सहमति बनी है। जानकारी के अनुसार एस्सेल पर पांच माह पहले भी लगभग 50 करोड़ रुपए की देनदारी थी। अभी भी लगभग 22 करोड़ रुपए की देनदारी है।
बार-बार नोटिस दिए जाने के बाद भी देनदारी नहीं चुकाने पर बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर ने ठेका निरस्त करने पर सहमति बनाई है। बताया जाता है कि बैठक में एस्सेल की कार्यप्रणाली पर भी चर्चा की गई। ज्यादातर सदस्यों का मनना था कि एस्सेल उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाएं भी नहीं दे पा रही है। जबलपुर स्थिति फ्रेंचाइजी संबंधी कामकाज देखने वाले एसई वासनिक ने बताया कि बोर्ड की बैठक में एस्सेल पर चर्चा हुई थी। वह इससे ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते। निजी विद्युत कंपनी एस्सेल की हाई पावर कमेटी की जांच रिपोर्ट के मामले में सागर विधायक शैलेंद्र जैन ने बताया कि कमेटी द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट आ गई है। इस संदर्भ में ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल व जांच अधिकारी संजय शुक्ला बात हुई है। रिपोर्ट के तथ्य कंपनी के विरुद्ध हैं। एस्सेल को टर्मिनेट करने की तैयारी की जा रही है। फिलहाल जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।
अक्टूबर 2015 में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने फ्रेंचाइजी कंपनी एस्सेल के खिलाफ 20 अक्टूबर तक 50 करोड़ की देनदारी चुकाने के लिए नोटिस ऑफ डिमांड जारी किया।