हड़ताल: देशभर में हो सकता है ब्लैकआउट, रेलें थम जाएंगी

भोपाल। संविदा बढ़ाने और नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश की बिजली कम्पनियों में कार्यरत दस हजार तकनीकी संविदा कर्मचारी अधिकारी और इंजीनियर कल से हड़ताल पर हैं। आज हड़ताल के दूसरे दिन राजधानी के अम्बेडकर मैदान पर प्रदेश के कौने-कौने से आए हुये बिजली संविदा कर्मचारियों ने मौन प्रदर्शन किया। मप्र युनाईटेड फोरम पावर इंम्पलाईज एवं इंजीनियर्स संघ के संयोजक व्ही.के.एस. परिहार ने आज मुख्यमंत्री को नोटिस दे दिया है कि यदि संविदा बिजली कर्मचारियों को हटाया गया तो नियमित बिजली तकनीकी कर्मचारियों के संगठन युनाईटेड फोरम भी आंदोलन करेगा। 

नियमित कर्मचारियों के संगठन युनाईटेड फोरम ने सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है कि वो संविदा बिजली कर्मचारियों की मांगों को मान ले नहीं तो पूरे प्रदेश में तकनीकी नियमित कर्मचारी भी हड़ताल पर चले जायेंगें। यदि नियमित तकनीकी कर्मचारी भी हड़ताल पर चले जायेंगें तो केवल मप्र ही नहीं देश में भी ब्लेक आऊट की स्थिति बन जायेगी। रेलगाड़ियां तक जहां पर हैं वहीं खड़ी हो जायेंगी।  

मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि अटल ज्योति योजना में चौबीस घंटे घर-घर बिजली पहुंचाने वाले सरकार के सपने को साकार करने वाले दस हजार संविदा कर्मचारी अधिकारी जो कि पिछले पांच वर्षो से कार्य कर रहे थे। जिनकी प्रतिवर्ष संविदा बढ़ाई जा रही थी। इन संविदा कर्मचारियों को मध्यक्षेत्र बिजली कम्पनी के एम.डी. विवेक पोरवाल ने नोटिस जारी कर दिया है कि कम्पनी आपको हटाकर संविदा पर ही नई भर्ती करने जा रही जिससे कर्मचारियों मेें आक्रोश फेल गया है। 

मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के बिजली इकाई के अध्यक्ष दीपक चौधरी ने संविदा कर्मचारियों को संबोधित करते हुये कहा है कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी। जब तक सरकार घोषणा-पत्र में किया हुआ वादा पूरा नहीं करती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। 

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