नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को संसद में आम बजट 2016 पेश करते हुए कहा कि ऐसे समय जब वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर अवस्था से गुजर रही है, भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर बनी हुई है। जेटली के बजट में पांच लाख से कम आय वालों को सालाना तीन हजार रुपए की कर राहत मिलेगी। बजट में नौकरीपेशा लोगों को निराशा हाथ लगी है और इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ईपीएफ और पेंशन योजना में सर्विस टैक्स से छूट दी गई है। इसके साथ ही तंबाकू उत्पादों पर 15 फीसदी एक्साइज टैक्स लगाया जाएगा। बजट में सारी सेवाओं को महंगा करने की तैयारी कर दी गई है। सभी सेवाओं पर आधा फीसदी कृषि कल्याण सेस लगाया जाएगा।
10 लाख से अधिक के वाहनों पर एक फीसदी अतिरिक्त कर
बजट के बाद एसयूवी अब महंगी हो जाएगी। इन पर चार फीसदी हाई कैपेसिटी टैक्स लगाया जाएगा। चार पाहिया वाहन खरीदने वालों पर भी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुछ सख्ती बरती है। 10 लाख से महंगी गाडि़यों पर एक फीसदी अतिरिक्त कर लगाया गया है।
वित्तमंत्री ने कहा, जिन लोगों के पास घर नहीं है और उनकी कंपनी उन्हें एचआरए नहीं देती है उन्हें कर में छूट दी जाएगी। ऐसे लोगों को अब किराये में 60 हजार रुपए की छूट मिलेगी।
ग्रामीण क्षेत्र को खास अहमियत
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 87,761 करोड़ रुपये का बजट रूरल सेक्टर के लिए आवंटित किया गया है। ग्राम पंचायतों को अब 80 लाख रु ज़्यादा मिलेंगे। इसी क्रम में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 5500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है: 87,761 करोड़ रुपये का बजट रूरल सेक्टर के लिए आवंटित किया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 5500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
नेशनल हेल्थ स्कीम लागू होगी, अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा
जेटली ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। सर्व शिक्षा अभियान पर ख़ास ज़ोर रहेगा। 62 नए नवोदय स्कूल खोले जाएंगे। 15 हज़ार स्किल डेवलपमेंट सेंटर खुलेंगे। स्किल डेवलपमेंट के लिए 17,000 करोड़ दिए जाएंगे। 3 साल में डिजिटल साक्षरता 6 करोड़ घर तक पहुंचेगी। एससी-एसटी हब की स्थापना की जाएगी। स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करेंगे। सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा दी जाएगी।