वन विभाग में सीएम की भी नहीं चलती, IFS अफसरों का जंगलराज

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भ्रष्टों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव डालने के बाद भी आला अफसर बचाए जा रहे हैं। एक आईएफएस अफसर ने वित्तीय अनियमितताओं संबंधी पूरी फाइल रुकवा दी है तो दूसरे के खिलाफ चल रही जांच की रिपोर्ट तय समयसीमा में नहीं सौंपी गई है। मुकुंदपुर जू में करीब 24 करोड़ रुपए के विकास कार्य कराए गए हैं। 

रीवा वृत्त के तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक पीके सिंह की निगरानी में निविदाएं बुलाई गर्इं थीं। आरोप है कि उन्होंने अपने पद और पॉवर का दुरुपयोग करते हुए करीब 19 करोड़ के ठेके अपने कथित रिश्तेदार को दिलवा दिए। शिकायत होने पर जांच हुई। वन विभाग ने आगे की कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री के पास नोटशीट भेजी थी। सीएम ने कार्रवाई करने के लिए हरी झंडी दे दी है। बावजूद अभी तक सीसीएफ को आरोप पत्र नहीं दिया गया है। बल्कि इस मामले में सख्त रुख अपनाने वाले आईएएस उप सचिव अशोक शर्मा को हटा दिया गया है।

रिश्वत मामले की जांच रिपोर्ट नहीं
जबलपुर के सीसीएफ रहे अजीत श्रीवास्तव पर 55 लाख रुपए मांगने का आरोप लगा था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रीवास्तव को जबलपुर से हटाकर जांच करने के निर्देश दिए थे। दो सदस्यीय जांच समिति से रिपोर्ट दो सप्ताह में मांगी गई थी। यह मामला भी ठंडा पड़ा है।
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