
म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर तथा मनरेगा इंजीनियिर संघ के महामंत्री देवेन्द्र उपाध्याय द्वारा ग्राम रोजगार सहायकों तथा मनरेगा कर्मचारियों पर लाठी चार्ज और आसूं गैस के गोले छोड़ने को गलत बताया तथा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि सरकार को चाहिए कि ग्राम रोजगार सहायकों और प्रदेश के विभिन्न विभागों और उसकी परियोजनाओं में कार्यरत ढाई लाख संविदा कर्मचारियों अधिकारियों को नियमित करे ना कि उनके ऊपर बर्बरता पूर्वक लाठी चार्ज करे। म.प्र के संविदा कर्मचारी अधिकारी गण शोषण के शिकार हैं।
सरकार को अनेक बार ज्ञापन देने के बाद भी सरकार ने संविदा कर्मचारियों अधिकारियों के नियमितीकरण की दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया हैं । वहीं म.प्र. सरकार ने सरपंचों के द्वारा नियुक्त गुरूजियों, पंचायत कर्मियों, शिक्षाकर्मियों को नियमित कर दिया । संविदा कर्मचारी अधिकारी विधिवत् पारदर्शी तरीके से चयनित होकर नियुक्त हुये हैं म.प्र. सरकार उनको नियमित नहीं कर रही है । इसलिए प्रदेश के संविदा कर्मचारी अधिकारी हताश और निराश हैं और वो आंदोलन कर रहे हैं इसकी जिम्मेदार म.प्र. सरकार हैं ना कि संविदा कर्मचारी अधिकारी क्योंकि बीस - बीस साल हो गये हैं संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान काम करते हुये लेकिन सरकार उनको नियमित कर्मचारियों से आधा वेतन देती हैं जिससे वो आंदोलन करने पर मजबूर हैं । संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने कहा है कि यदि म.प्र. सरकार संविदा कर्मचारियों / अधिकारियों को नियमित करने का निर्णय नहीं लेती तो आंदोलन और तीव्र होगा ।