अब ऑनलाइन मिलेगी बरामद माल और वाहनों की जानकारी

भोपाल। मप्र पुलिस के क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम (CCTNS) के एक हिस्से को पब्लिक डोमेन में लाने का फैसला किया गया है। इसके जरिए आमजन भी चोरियों के मामले में बरामद माल और वाहनों आदि के बारे में ऑनलाइन जानकारी ले सकेंगे। सीसीटीएनएस अभी पुलिस के आंतरिक सिस्टम के रूप में काम कर रहा है। थानों में होने वाली एफआईआर, रोजनामचे में दर्ज जानकारी, जांच प्रकरणों की स्थिति आदि पुलिस अधीक्षक से लेकर डीजीपी तक देखते हैं। सीसीटीएनएस को पब्लिक डोमेन में मार्च तक लाने की योजना है।

इसके लिए काम भी शुरू हो गया है। सूत्रों का कहना है कि बदलाव के अगले चरण में आम व्यक्ति भी इसमें अपनी समस्या या सुझाव दे सकेगा। फिलहाल सीसीटीएनएस में लापता व्यक्तियों-बच्चों का पूरा ब्योरा व फोटो, अज्ञात शवों की जानकारियां, वांटेड अपराधी, बरामद वाहन, चोरी-लूट का बरामद माल जैसी चार जानकारियां पब्लिक डोमेन में आएंगी। पुलिस का मानना है कि यह जनता के लिए फायदेमंद होगा और पुलिस को जांच में भी आसानी होगी। इसके बाद पुलिस की कुछ और जानकारियां भी जनता से साथ बांटी जा सकती हैं। हालांकि इस सिस्टम के तहत पुलिस थानों का प्रदर्शन, काम, लंबित प्रकरण, रोजनामचों में दर्ज जानकारियों आदि का ब्योरा जनता की पहुंच से दूर होगा। 

नेटवर्क की बाधा : सीसीटीएनएस योजना केंद्र सरकार के सहयोग से शुरू की गई है। इसे मप्र के 956 थानों समेत 1384 पुलिस दफ्तरों के लिए मंजूर किया गया है। सूत्र बताते हैं कि सीसीटीएनएस 1265 स्थानों पर ठीक काम कर पा रहा है। नेटवर्क समस्या के चलतेे दूरस्थ क्षेत्रों में बने थानों में सीसीटीएनएस के संचालन में दिक्कतें आ रही हैं। इस वजह से ऑफलाइन भी काम कराया जा रहा है। जब भी संबंधित थाने को नेटवर्क मिलता है, वह समूचा ब्योरा स्टेट डाटा सेंटर को भेज देता है। 

सभी राज्यों से जुड़ेगा: सीसीटीएनएस के तहत ऑनलाइन एफआईआर समेत थानों के समूचे कामकाज का ब्योरा, जांच प्रकरणों की स्थिति, गिरफ्तारियां, अदालती प्रकरण व अन्य जरूरी जानकारियां रोज दर्ज करने के निर्देश हैं। इस ब्योरे को एसडीओपी,एसपी से लेकर आईजी और डीजीपी तक देख सकते हैं। जांच में सुविधा के लिए यह सिस्टम सभी राज्यों से भी जुड़ेगा।

जिलों के परफार्मेंस पर नजर: सीसीटीएनएस में 1जनवरी से 15 जनवरी तक 12559 एफआईआर दर्ज हुई हैं। सिस्टम के तहत कामकाज में फिलहाल रायसेन, बुरहानपुर व मंदसौर जिले उत्कृष्ट श्रेणी में रखे हैं। जबकि पिछले जिलों में शिवपुरी, राजगढ़ व जीआरपी इंदौर का नाम है।

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