भोपाल। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2000 व माननीय सर्वाच्च न्यायालय के आदेशानुसार हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, मेटरनिटी होम, फर्टिलिटी क्लीनिक या अनुचित माध्यमों से सीधे बच्चा गोद लेना अवैध है। बच्चा गोद लेने के इच्छुक व्यक्तियों को नियमानुसार बच्चा गोद लेने के लिए मान्यता प्राप्त शिशु गृहों या जिला महिला सशक्तिकरण कार्यालय से सम्पर्क करना चाहिए। नियम विरूद्ध अवैध रूप से हास्पिटल, नर्सिंग होम, मेटरनिटी होम या फर्टिलिटी क्लीनिक से सीधे बच्चा गोद लेने पर किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्यवाही की जायेगी।