
रैगिंग की घटना करीब महीने भर पुरानी है। जिसमें रांझी थाने की पुलिस भी जांच कर रही है। रैगिंग के मामले में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी संस्थान की होती है। बताया जाता था कि थर्ड सेमेस्टर का छात्र सौरभ साहू हॉस्टल में रहता था। उसके साथ सीनियर छात्र सर्वेश तिवारी और दीपक जायसवाल ने अन्य के साथ मिलकर मारपीट की। पीड़ित छात्र ने इसकी शिकायत पहले संस्थान के पास की। जहां से फौरी राहत नहीं मिली तो बाद में उसने इस संबंध में यूजीसी की रैगिंग से जुड़ी हेल्पलाइन में भी संपर्क किया।
कॉलेज का एक्शन
कॉलेज के हॉस्टल प्रबंधन ने घटना के बाद पांचवे सेमेस्टर के आरोपी छात्र सौरभ तिवारी और दीपक जायसवाल को हॉस्टल से निकाल दिया। इसके साथ ही सौरभ साहू को भी हॉस्टल से अलग किया गया। प्रशासन का कहना है कि सौरभ अवैध रूप से हॉस्टल में रहता था इसलिए उसे हटाया गया। रैगिंग के दोषी छात्रों को कॉलेज से निष्कासित करना चाहिए। जबकि प्रबंधन सिर्फ दो छात्रों को ही सजा के तौर पर हॉस्टल से निकाला। घटना में करीब 9 छात्र थे। जिन पर कोई एक्शन नहीं हुआ।