
एटीएस की गिरफ्त में आए आईएस कमांडर सिराज ने भी फेसबुक व व्हाट्सएप से युवाओं का नेटवर्क तैयार किया था। खुलासे के बाद एटीएस व अन्य एजेंसियों ने फेसबुक के हजारों अकाउंट सर्विलांस पर लिए हैं। एटीएस के अनुसार, आईएस फेसबुक से एेसे युवा तलाशता है, जो धर्म विशेष पर चर्चा करते हैं। फेसबुक पर दोस्ती कर धार्मिक मामलों से जुड़े अभद्र पोस्ट करते हैं। भड़काऊ पोस्ट से भ्रमित हो युवा आतंकी नेटवर्क से जुड़ जाते हैं।
आईएस से पहले आईएम ने सोशल मीडिया से स्लीपिंग मॉड्यूल खड़ा किया था। एनआईए गिरफ्त में आए टोंक के अबू अनस का भी सोशल अकाउंट खंगाला जाएगा। उससे जुड़े लोगों की सूची बनाएंगे। धर्म विशेष से जुड़े ग्रुप की पहचान कर फोलोअर पर नजर रखेंगे। धार्मिक उन्माद व कश्मीर पर बहस करने वालों पर भी नजर रखी जा रही है।
युवाओं की रुचि
सिराज के फेसबुक व व्हाट्सएप चैटिंग के विश्लेषण में चौंकाने वाले खुलासे हुए। समाज विशेष के युवा उसके धार्मिक मामलों से जुड़े पोस्ट ज्यादा शेयर करते व कमेंट देते थे। युवाओं में ऑनलाइन बहस होती थी। वे दूसरे धर्म पर अभद्र टिप्पणी करते थे।
डॉ. आलोक त्रिपाठी, एडीजी, एटीएस