शिवराज के खिलाफ 2 IAS अधिकारियों ने दिया धरना

भोपाल। प्रदेश के इतिहास में सेवा में रहते हुए दो आईएएस अधिकारी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। अपने आपको दलित समाज का होने का बताते हुए भेदभाव का आरोप लगाकर ये लोग धरना दे रहे हैं और चेतावनी दे रहे हैं कि सरकार का ऐसा रवैया नहीं चलेगा। थेटे ने कहा कि अगर यही चला तो जल्द ही आंबेडकर अनुयायी प्रदेश का मुख्यमंत्री बन जाएगा।

तुलसी नगर स्थित आंबेडकर मैदान में बाल संरक्षण आयोग के सचिव रमेश थेटे और निलंबित आईएएस अधिकारी शशि कर्णावत दलित-आदिवासी फोरम के बैनर तले धरने पर बैठे हैं। धरनास्थल पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा भी पहुंचे। फोरम के संयोजक डॉ. मोहनलाल पाटिल इस धरने के आयोजक हैं।

दो साल से मुख्यमंत्री मिलने का समय नहीं दे रहे 
थेटे ने धरने को संबोधित करते हुए सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से वे दो साल से मिलने का समय चाह रहे हैं लेकिन उनके सलाहकार उनसे मुलाकात ही नहीं करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं कोई राजनीति नहीं कर रहा हूं, मैं मजबूरी में फोरम के धरने पर आया हूं। उन्होंने मंच से चेतावनी दी कि मुझे खत्म करने की किसी की हैसियत नहीं है। थेटे लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर पर जमकर बरसे। यह भी आरोप लगाया कि उनके इशारे पर ही राज्य सरकार चल रही है।

कर्णावत ने कहा झूकूंगी नहीं
धरने को संबोधित करते हुए शशि कर्णावत ने शेरों-शायरी का इस्तेमाल करते हुए अपने और सरकार के बीच चल रहे टकराव के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मैं 15 साल से संघर्ष कर रही हूं। झूठे दस्तावेजों से मुझे जेल भिजवाया गया और अब मेरा मामला हाईकोर्ट में अपील में है। मैं झूकूंगी नहीं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!