
जानकारी के मुताबिक, राज्यसभा में शुक्रवार को एक सवाल का जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा, मैरिटल रेप का मुद्दा बहुत जटिल है। इसे एक्सप्लेन करना भी मुश्किल है। इस पर विचार करते वक्त फैमिली और सोशल स्ट्रक्चर को भी ध्यान में रखना होगा। इस पर पार्लियामेंट्री कमेटी और लॉ कमीशन विचार कर रहे हैं। इस कानून को टुकड़ों में बनाना सही नहीं होगा। इसलिए हम पूरी तरह नए कानून पर विचार करेंगे।
राज्यसभा के उपसभापति पीजे. कुरियन ने रिजिजू से पूछा, अगर आप ये मानते हैं कि पति द्वारा पत्नी से जबरन फिजिकल रिलेशन बनाना रेप है तो फिर आप रिपोर्ट का इंतजार क्यों कर रहे हैं? रेप तो रेप है, फिर वह पति करे या कोई और? रिपोर्ट का इंतजार क्यों? इस पर रिजिजू ने कहा, 6 जुलाई 2010 को तत्कालीन होम मिनिस्ट ने इस बारे में लॉ कमीशन से कानून के रिव्यू की मांग की थी, लेकिन इसमें यह ध्यान रखना होगा कि कोई भी कानून बनाने के लिए आईपीसी, सीआरपीसी के साथ ही ‘इंडियन एविडेन्स एक्ट’ में भी बड़े बदलाव करने होंगे। इसलिए हमने सुझाव मांगे हैं।