ग्वालियर. पाकिस्तान में लाहौर हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी सरकार से पूछा है कि कोहिनूर हीरे को ब्रिटेन से कब वापस लाया जाएगा। लाहौर में बैरिस्टर जावेद इकबाल जाफरी ने दावा किया था कि पंजाब के महाराजा दिलीप सिंह से यह हीरा ब्रिटेन गया है, जो पाकिस्तान का पार्ट है। ऐसे में पाकिस्तान को ब्रिटेन से काेहिनूर हीरा लाने के लिए प्रयास करना चाहिए। यह हीरा ग्वालियर के तोमर राजवंश का गौरव भी रहा है।
शायद ही कोई जानता हो कि ब्रिटेन की महारानी के ताज की शोभा बढ़ा रहा कोहिनूर (दि माउंटेन ऑफ लाइट) कभी ग्वालियर के तोमर राजवंश का कुल गौरव हुआ करता था। तोमर राजवंश के बचे-खुचे गौरव की रक्षा करने के लिए इसे तत्कालीन ग्वालियर नरेश विक्रमादित्य की विधवा महारानी ने मुगल बादशाह हुमायूं को भेंट किया था। बाबरनामा औऱ शहर के इतिहासकार डॉ. हरिहरनिवास द्विवेदी के शोधग्रंथ ग्वालियर के तोमर में इस बात का स्पष्ट उल्लेख मिलता है।
तोमर वंश के पास मालवा से आया था कोहिनूर
मध्यकालीन इतिहासकारों के मुताबिक बाबरनामा में लिखा है कि कोहिनूर दक्षिण भारत के किसी राजा के पास था। अलाउद्दीन खिलजी ने इसे वहां से लूट कर अपने कब्जे में लिया। उसके बाद खिलजी वंश के शासक मध्यप्रदेश के मालवा में इसे ले आए। मलावा के राजा होशंगशाह खिलजी ने ग्वालियर पर आक्रमण किया। लेकिन तत्कालीन तोमर राजा डोंगरेंद्र सिंह ने उसे बुरी तरह हरा दिया। जान बचाने और संधि के लिए होशंगशाह को और संपत्तियों के साथ अलाउद्दीन खिलजी का दक्षिण से लूटा हीरा कोहिनूर भी तोमरों को सौंपना पड़ा। 1460 से 1526 तक ये हीरा तोमरों के खजाने में मानमंदिर की शोभा बढ़ाता रहा।
मोदी की ब्रिटेन यात्रा में कोहिनूर की वापसी की मांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नवंबर में ब्रिटेन यात्रा के दौरान 800 साल पुराने विश्व के सबसे बड़े हीरे कोहिनूर की वापसी की मांग उठने लगी थी। 105 कैरेट का कोहिनूर हीरा तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत के दौरान क्वीन एलिजाबेथ को भेंट किया गया था। यह हीरा क्वीन के ताज में लगा है और इसकी प्रतिकृति लंदन टॉवर में रखी गई है। इंडियन लेजर ग्रुप के सह-संस्थापक डेविड डिसूजा इसकी भारत वापसी के लिए नए सिरे से कानूनी कार्यवाही के लिए लामबंद हो गए हैं।