HN Narwariya: शिक्षा गुणवत्ता महापंचायत 6 दिसम्बर को आयोजित की गयी है।प्रदेश के 3 लाख से ज्यादा अध्यापक और संविदा शिक्षकों को सरकार से यह उम्मीद थी की। यह महासम्मलेन सिर्फ अध्यापको और संविदा शिक्षको का होता, और मुख्यमंत्री महोदय अध्यापक संविदा संवर्ग की समस्याओ पर चर्चा करते और निराकरण करने की बात करते। हो सकता है की सरकार के मन में कुछ हो।
राज्य अध्यापक संघ 26 नवम्बर को 12 सूत्रीय मांग पत्र माननीय मुख्य मंत्री महोदय को सौंप चूका है। जिसमे विभाग में
1 सन्विलियन, और 2004 के पूर्व वालो को उस समय लागू पेंशन नियम लागू करने,
2 समान वेतन मान 2013 के आदेश अनुसार 2015 में लागू करने,
3 बीमा,
4 मेडिक्लेम,
5 अनुकम्पा नियमो में शिथिलता अनुग्रह राशि में बढ़ोतरी,
6 संविदा को परिवीक्षा अवधि मान कर नियमित वेतनमान,
7 राज्य शिक्षा सेवा लागू करने,
8 nps अंतर्गत कटोत्रे के निराकरण के लिए और अंतिम भुगतान के लिए राज्य स्तर पर सेल के गठन
9 गुरूजी को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता
10 स्थान्तरण
11 मुख्यालय पर निवास को बाध्य नहीं किया जाए क्योकि गृह भाड़ा नहीं दिया जाता
12 m शिक्षा मित्र के लिए cug सिम और मोबाईल भत्ता की मांग कि गयी थी ।
राज्य अध्यापक संघ का स्पष्ट मत है की हम 2015 में 6वें वेतनमान में वेतन निर्धारण उसी शर्त पर स्वीकार करेंगे की वह वेतन निर्धारण 2013 के अंतरिम राहत वाले आदेश के अनुसार ही हो।
जिसमे सहायक अध्यापक को 5500 से 7500 तक का लाभ होगा। अध्यापक को 2000 से 3000 और वरिष्ठ अध्यापक को 4500 से 6000 का लाभ होगा ।में या पोस्ट के साथ कुछ स्लाइड भी डाल रहा हूँ जो यह बताती है की किस प्रकार 31 दिसम्बर 15 को वेतन निर्धारण होना चाहिए ।इन स्लाइड में 2015 को देय अंतरिम राहत भी जोड़ ली गयी है क्योकि वह भुगतान करना अब सरकार की जिम्मेदारी है ।ऊपर बताई गयी वृद्धि अंतरिम राहत के अतिरिक्त है।
हमारी मांग स्पष्ट है 12 सूत्रीय मांगो का निराकरण किया जाए और वेतन निर्धारण 2013 के आदेश अनुसार किया जाए।
कुछ भाई 2 मांगो की बात कह रहे है लेकिन वे यह भी समझे की, अनुकम्पा नियम में सुधार, संविदा में नियमित वेतनमान, गुरूजी की वरिष्ठता, और मोबाईल भत्ता का मुद्दा तो बिना संविलियन के भी यथावत बना रहेगा।
साभार: सुरेश यादव
प्रस्तुति: एच एन नरवरिया