भोपाल। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूलों को अब उनमें पढ़ने वाले बच्चों की फीस लेने के लिए एजुकेशन पोर्टल पर उनका फोटो भी अपलोड करना होगा। फीस देने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और दोहरा नामांकन रोकने के लिए बच्चों की ट्रेकिंग शुरू की गई है। इसके तहत फीस प्रतिपूर्ति की कार्रवाई अब समग्र आईडी के जरिए होगी।
यह गाइडलाइन राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी जिला कलेक्टरों के लिए जारी की है। इसके अनुसार वर्ष 2014-15 में विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की फीस की पूर्ति जिला कलेक्टरों द्वारा करवाई जाएगी। गैर अनुदान प्राप्त प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे बच्चों की फीस के लिए हर जिले में कलेक्टर, मिशन संचालक के अनुमोदन के बाद एक सरकारी नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी बच्चों की संख्या और फीस का सत्यापन करेंगे। यदि किसी बच्चे का एडमिशन समग्र आईडी के माध्यम से देखने पर दूसरे स्कूल में दिख रहा है तो इस तरह कार्रवाई की जाएगी।
यह कार्रवाई केवल उस छात्र या छात्रा का दावा दर्ज करने किया जाएगा, जिसने सत्र 2014-15 में संबंधित प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई की हो पर समग्र पोर्टल पर उसका नाम अन्य स्कूल में दिखाई दे रहा है। प्राइवेट स्कूलों को इस संबंध में सारी कार्रवाई 10 नवंबर तक की जा सकेगी।
स्कूल अपने स्वयं के यूजर एवं पासवर्ड से लॉगइन करें।
- आरटीई पोर्टल पर उपलब्ध आइकॉन दावा प्रस्तुत करें ऑप्शन पर क्लिक करें।
- जिस छात्र या छात्रा का अपने स्कूल में प्रवेश का दावा प्रस्तुत किया जा रहा है, उसका समग्र आईडी दर्ज करें।
- शिक्षण सत्र 2014-15 में छात्र या छात्रा ने संबंधित स्कूल में जिस कक्षा में पढ़ाई की है, उसे सिलेक्ट करें।
- स्कूल में छात्र या छात्रा के पढ़ने की स्थित में कागजात की एक पीडीएफ फाइल बनाकर पोर्टल पर लोड करें।