सतना। मैहर अदालत ने 7 साल की मासूम बच्ची के साथ रेप के मामले में इसे जघन्यतम अपराध मानते हुए सजा मौत सुनाई है। आरोपी ने साक्ष्य मिटाने के लिए पीड़िता की हत्या कर दी थी। हत्या के लिए भी मौत की सजा सुनाई गई है।
जिले के मैहर में अदालत ने सात वर्ष की बच्ची से रेप और हत्या के मामले को दुर्लभ से दुर्लभतम मानते हुए आरोपी को मौत की सजा सुनाई. आरोपी को वारदात के छह महीने के भीतर ही सजा सुना दी गई.
अभियोजन पक्ष से सहमत होते हुए अदालत ने आरोपी सूरज विश्वकर्मा को आईपीसी की धारा 376 (क) (बलात्कार) के तहत मृत्य दंड, लैंगिक अपराध की धाराओं के तहत आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 302 (हत्या) के तहत मृत्यु दंड और 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 363 के तहत 7 वर्ष की सजा और 5 हजार रुपए जुर्माना, धारा 201 (अपराध के साक्ष्य मिटाने की कोशिश) के तहत 7 वर्ष की सजा और पांच हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
सतना जिले के उदयपुर गांव में 18 मई 2015 को सात साल की मासूम का शव लिलजी बांध में मिला था। जांच में दुष्कर्म के बाद हत्या का खुलासा हुआ था। पुलिस ने इस मामले में मासूम की सहेली के भाई सूरज विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक, मासूम को अकेला पाकर सूरज ने अगवा कर लिया था और फिर दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी थी।
