स्कूल जाने के लिए पानी की खाली बोतल से बनाई नाव

School chalen hum
सरगुजा। सरकार ने स्कूल तो बना दिया लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए नदी पर पुल नहीं बनाया। मजबूर बच्चों ने पानी की खाली बोतलों ने नाव बनाई और स्कूल जाना शुरू कर दिया। इसके लिए आप बच्चों की पीठ थपथपा सकते हैं परंतु सरकार का कान खींचना मत भूलना।

छत्तीसगढ़ समस्या इंसान को लाचार बना सकती है, लेकिन समस्या अगर अविष्कार का कारण बन जाए तो बात ही अलग है. सरगुजा के पंछीडांड गांव के शासकीय हाई सेकेण्डरी स्कूल के शिक्षकों और बच्चो नें मजबूरी में कुछ ऐसा अविष्कार किया, जिसके सहारे अब नदी पार रहने वाले छात्र बारिश में नदी पार करके स्कूल आ सकते हैं.

पंछीडांड गांव के शासकीय हाई सेकेण्डरी स्कूल में हर माह होने वाली अभिवावकों की बैठक में पिछली बार यह समस्या आई कि यंहा पढ़ने वाले कुछ छात्र-छात्राएं नदी के उस पार रहते हैं और बारिश में यंहा से गुजरने वाली महान नदी में ज्यादा पानी होने की वजह से वो कई दिनों तक स्कूल नहीं आ पाते है। लिहाजा शासकीय स्कूल के शिक्षकों नें छात्रो की मजबूरी को समझते हुए पानी के खाली बोतल और बांस से एक नांव बनाई, जिसमें चार छात्र किसी भी नदी या तालाब को पार कर सकते हैं।

इस नाव ने नदी पार रहने वाले छात्रों की समस्याओं को ना केवल समाप्त कर दिया है बल्कि दूसरों को भी इस तरह के इनोवेशन के लिए प्रेरित किया है। 

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