लखनऊ। इलाहबाद हाईकोर्ट के एक फैसले ने नईदिल्ली में हलचल मचा दी है। ग्रेटर नोएडा में पतवारी गांव में श्मशान की जमीन पर बनाई गईं आम्रपाली बिल्डर्स ,सुपरटेक अपार्टमेंट और जगत तरण प्रोजेक्ट की बिल्डिंगों को 2 माह के भीतर गिराकर स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने के आदेश दिए गए हैं। ये दिल्ली की बड़ी बिल्डर कंपनियां हैं एवं इसमें हजारों लोगों का पैसा लगा हुआ है। हाईकोर्ट की जस्टिस बीके बिड़ला की बेंच ने यह आदेश जन-कल्याण समिति संस्था की पीआईएल (जनहित याचिका) पर जारी किया है।
गौर हो कि गांव में श्मशान की जमीन पर 2 हजार वर्ग मीटर में सुपरटेक की बिल्डिंग, इटहरा में छह हजार वर्ग मीटर में तालाब की जमीन पर आम्रपाली ग्रुप की बिल्डिंग और तुगलपुर में पैंतीस हजार वर्ग मीटर जगत तारन के प्रोजेक्ट बने हैं। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि गांव के किसानों को जमीन वापस करने और पिछले 10 साल के दौरान अधिग्रहित जमीनों के संबंध में समस्त जानकारियां प्रकाशित करने के आदेश का पालन किया जाए।
गौर हो कि यूपी सरकार ने इंडस्ट्रियल डेवलमेंट के नाम पर गांव के तमाम किसानों की 589 हेक्टेयर जमीन अर्जेंसी क्लॉज के तहत अधिग्रहित कर ली थी। बाद में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इसमें से काफी जमीन सुपरटेक, आम्रपाली और अजनारा जैसे बिल्डर्स को बेच दी थी।