जयपुर। बिल्डर से सांठगांठ कर 300 करोड़ का घोटाला करने वाला रिटायर्ड आईएएस अधिकारी जीएस संधू भूमिगत हो गया है। इस मामले में कांग्रेस सरकार के तत्कालीन मंत्री शांति धारीवाल भी लपेटे में आ गए हैं। उन्हे नोटिस जारी कर दिया गया।
क्या है मामला:
मामला 2011 का है और गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी को एकल पट्टा जारी करने से जुड़ा है। कंपनी के प्रोपराइटर शैलेंद्र गर्ग को जेडीए अफसरों से मिलीभगत, फर्जी दस्तावेज साक्ष्य छुपाकर पट्टा लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। संधू ने शैलेन्द्र गर्ग के आवेदन पर तत्कालीन सरकार के फैसले के उलट जेडीए अफसरों को ग्रुप हाउसिंग योजना के तहत जमीन पर फ्लेट बनाने के लिए एकल पट्टा जारी करने के निर्देश दिए थे। इस जमीन की वर्तमान में कीमत करीब 300 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इस मामले में एसीबी ने पूछताछ के लिए संधू को कई बार नोटिस जारी किए है। रोक के बावजूद यह पट्टा जारी किया गया।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस मामले में राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी निष्काम दिवाकर को गिरफ्तार कर लिया है। उनकी जमानत अर्जी भी अदालत में नामंजूर कर ली है। इसी मामले में आरोपी आईएएस अधिकारी जीएस संधू अंडरग्राउंड हो गए। वो अग्रिम जमानत कराने का प्रयास कर रहे हैं। एसीबी ने पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को नोटिस जारी कर दिया है।