भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य अधिकारी कर्मचारी संघ के प्रांतीय कार्यालय में मोर्चा के घटक संगठनों की बैठक सम्पन्न हुई जिसमें सर्वसम्मिति से निर्णय लिया गया कि मंत्रालय कर्मचारी संघ एवं लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ द्वारा प्रदेश के मुख्य मंत्री के 10 वर्ष के कार्यकाल पूर्ण होने पर भोपाल में मंत्रालय के समक्ष आयोजित तथाकथित लिपिक महापंचायत में प्रदेश के 19 मान्यता प्राप्त कर्मचारी संघ के पदाधिकारी एवं कर्मचारी सम्मिलित नही होंगे तथा प्रदेश के मुख्य मंत्री से भी आग्रह करेंगे के प्रदेष में सूखे की स्थिति को देखते हुए वह इस कार्यक्रम में सम्मिलित न हों।
मोर्चा के अध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में सूखे के हालात है, कर्मचारियों की लंबित मांगों की और सरकार कोई ध्यान नही दे रही है, लिपिक वर्ग के तथाकथित प्रांताध्यक्ष जो लिपिकीय महापंचायत के आयोजक है को फर्मस एवं संस्थाये द्वारा अवैध घोषित कर दिया है, दतिया में कलेक्टर द्वारा इंजीनियर की पिटाई की जा रही है, मंत्रालय को विशेष वेतनमान और सुविधायें दी जा रही है और प्रदेश के अन्य कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इन सब बातों के चलते महापंचायत बुलाना कर्मचारियों का अपमान है। इसलिये मोर्चा के घटक संगठनों के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इस महापंचायत में न जाने का निर्णय लिया है और प्रदेश के मुख्य मंत्री को इस संबंध में एक पत्र भी प्रेषित किया जायेंगा।
बैठक में प्रमुख रूप से भुवनेश पटेल,अपाक्स, वीरेन्द्र खोंगल,कर्मचारी कांग्रेस, एल.एन. कैलासिया, लक्ष्मीनारायण शर्मा, मध्यप्रदेष तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ, अजय श्रीवास्तव नीलू,निगम मण्डल कर्मचारी महासंघ, महेन्द्र शर्मा, निहाल सिंह जाट, मध्यप्रदेश लघुवेतन कर्मचारी संघ, साविर खान, मध्यप्रदेश वाहन चालक संघ, जीतेन्द्र सिंह ,राजकुमार चंदेल,मध्यप्रदेष राज्य कर्मचारी संघ, एस.एल. सूर्यवंशी, मध्यप्रदेश अजाक्स संघ आर.पी.एस. परिहार, मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर ऐसोसियेशन, छत्रपाल सिंह, मध्यप्रदेष शिक्षक संघ आदि उपस्थित थे ।