ग्वालियर। 4 साल पहले दोस्त की मां के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी निर्ममता से गला काटकर हुई हत्या के आरोप में पुलिस ने नरेंद्र उर्फ लल्ला कोली व धर्म सिंह जाटव को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपियों ने महिला की हत्या करना कबूल करते हुए बताया कि वह मृतका के बेटे के दोस्त थे। सिर मिलने के बाद शव की पहचान रामबती के रूप में हुई। उसके बाद दोनों आरोपियों ने बेटों की तरह शव यात्रा में कंधा भी दिया, ताकि लोग उन पर संदेह न करें।
एसपी हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि 3 अगस्त 2011 को थाटीपुर थाने के सामने की गली में एक महिला का शव पड़ा मिला था। महिला का सिर धड़ से अलग था। मृतका के गुप्तांग और पेट पर चाकू के निशान थे। कपड़ों से मृतका की पहचान रुकमणी उर्फ रामबती के रूप में हुई। पुलिस को संदेह था कि महिला की हत्या मानव अंग के तस्करों या फिर जादू टोना करने वालों ने की है।
गटर चोक होने पर मिला सिर
डॉ.रमेश भारद्वाज निवासी नेहरू नगर का गटर चोक हो जाने पर उसकी सफाई कराई गई। सफाई कर्मियों को गटर में सिर मिला। हत्यारे घटनास्थल से सिर को हाथ में पकड़कर करीब डेढ़ किलोमीटर दूर ले गए और खुले गटर में डाल दिया। जिसके कारण 4 दिन बाद ही गटर चोक हो गया।
नशे की हालत में बोला हमने की थी हत्या
4 साल तक दोनों आरोपी महिला के हत्या करने की बात दबाए रखे, लेकिन 10 दिन पहले नशे की हालत में उनके मुंह से महिला की हत्या की बात निकल गई। जो कि थाटीपुर थाने में पदस्त सिपाही दिनेश सिंह के कानों तक पहुंच गई। पुलिस ने 4 साल का रिकॉर्ड खंगाला तब पता चला कि रामबती के अंधे कत्ल का मामला अब भी अनसुलझा है।
दोस्त की मां की हत्या करना कबूल किया
संदेह के आधार पर पुलिस ने नरेंद्र उर्फ लल्ला कोली पुत्र राजेंद्र कोली निवासी गोपलपुरा व धर्मसिंह उर्फ छोटे पुत्र कैलाश जाटव निवासी गोपलपुरा को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पहले ही झटके में आरोपियों ने कबूल कर लिया कि उन्हीं ने ही रामबती की हत्या की है।
उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति को लूटते हुए रुकमणी ने देख लिया था। इसलिए उसकी हत्या करनी पड़ी। नशे की हालत में पहले उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी गला काटकर हत्या कर दी। हत्या के आरोपी पुलिस को उस स्थान पर ही ले गए, जहां महिला की हत्या की थी और सिर काटकर गटर में फेंका था।
पुलिस ने जिस समय नरेंद्र को पकड़ा उस समय उसकी जेब में लाल मिर्च का पाउडर मिला। इसकी हिस्ट्रीशीट खोलकर देखी तो हत्या से पहले भी इस पर एक दर्जन मामले दर्ज हैं। पिछले 3 महीने में एक बार नरेंद्र को इंदरगंज पुलिस ने तो दूसरी बार हजीरा थाना पुलिस ने पकड़ा था। नरेंद्र ऑटो भी चलाता है और अक्सर शराब पीकर मोहल्ले में दंगा करता है। लोगों को डराने के लिए पीठ के पीछे हसिया लगाकर घूमता है।
कंधा भी दिया- नरेंद्र की मृतका के बेटे से दोस्ती भी थी। इसलिए उसकी मां की मौत के गम में भी शरीक हुए। बेटों के स्थान पर अर्थी को कंधा भी दिया और सिर को तलाशने में दोस्त के साथ रहे।
5 हजार का नकद इनाम
4 साल पहले हुए अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले आरक्षक दिनेश सिंह को एसपी ने 5 हजार रुपए का नकद इनाम देने की घोषणा की है।