भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं कमलनाथ को अपनी ताकत दिखाने के बाद अंतत: शिवराज सिंह चौहान ने शिवपुरी-छिंदवाड़ा के प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज का एमओयू दिल्ली भेज दिया है। केन्द्र से मंजूरी के बाद इन कॉलेजों को खोलने की तैयारी राज्य सरकार स्तर पर की जाएगी। केन्द्र प्रति मेडिकल कॉलेज 189 करोड़ के हिसाब से 75 प्रतिशत राशि यानि 283.5 करोड़ रुपए देगी, शेष 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को खर्च करनी होगी।
सरकार चाहे तो दोनों जिलों में पीपीपी मोड पर भी कॉलेज बना सकती है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले सरकार ने शिवपुरी-छिंदवाड़ा के बजाय सतना-सिवनी का एमओयू प्रस्ताव भेजा था। इसकी जानकारी मिलने पर सांसद कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात कर राज्य सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया था। बावजूद इसके शिवराज सरकार अपने स्टेंड पर ही अड़ी हुई थी परंतु जब दोनों जिलों में आम जनता से विरोध शुरू किया तब मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि छिंदवाड़ा-शिवपुरी में हर हाल में कॉलेज खोले जाएंगे।
उधर विदिशा, रतलाम और शहडोल कॉलेज में देरी विदिशा, रतलाम और शहडोल में मेडिकल कॉलेज पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर बनाए जाने हैं, लेकिन टेंडर में इनकी दरें 40 फीसदी अधिक आने से मामला उलझ गया है। एमपीआरडीसी के एमडी मनीष रस्तोगी ने ज्यादा दरें आने पर टेंडर निरस्त कर दिए हैं। सूत्रों का कहना है कि अब इन कॉलेजों के निर्माण को लेकर फिर से टेंडर बुलाए जाएंगे। यदि इस बार भी दरें अधिक आईं तो इनके निर्माण खुद करने का निर्णय सरकार ले सकती है। इस पूरी प्रक्रिया में चार से पांच माह का समय लग सकता है।