बालाघाट। प्रदेश के बालाघाट जिले में सुर्खियों में आये फर्जी रजिस्टेशन के मामले में हुये खुलासे में वाहनों के फाईनेन्स और इन्श्योरेन्स कराने वाली कंपनियां भी संदेह के दायरे में आ गई है। यह प्रकरण चोरी से लाये गये या पुराने हुये वाहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर रजिस्ट्रेशन कराने तक ही सीमित नही रह गया है, बल्कि इन्श्योरेन्स किये जाने के फर्जी दस्तावेज तैयार कर फाईनेन्स कराये जाने का भी पता चला है।
बालाघाट जिले में इस फर्जीवाडे का खुलासा होने के बाद तीन राज्यों के पुलिस महकमें मे हडकंप मच गया है। इस फर्जीवाडे में महाराष्ट्र और छत्तीसगढ सहित दीगर राज्यों से भी फर्जीवाडे के तार जुडे हैं। इस फर्जीवाडे से जुडे मास्टर माइंड पुराने या चोरी से लाये गये वाहनों की फर्जी तरीके से एनओसी तैयार कर रजिस्ट्रेशन कराने की कार्यवाही आरटीओ कार्यालय से शुरू होती थी।
जिसके आधार पर इंश्योरेंस और फाईनेन्स कराने का भी कुचक्र चलाकर इस खेल में तगडी कमाई का जुगाड जमा लिया जिसके चलते गाडी की मुल कीमत से 70 प्रतिशत फाईनेन्स करावाना और गाडी चोरी व गुम हो जाने की स्थिति में इन्श्योरेन्स कंपनी से 90 प्रतिशत रकम हडपने का खेल खेला गया है। बालाघाट के आरटीओ दफतर में ऐसी 65 फाईलें गायब कर दी गई हैं जिनके माध्यम से रजिस्टर्ड हुये वाहन सडको पर भी नही हैं और ना ही वाहन के मालिकका नाम जिस पते पर होना बताया गया है वह भी फर्जी पाया गया है।
इस तरह बिना देखे वाहनों का रजिस्टेशन भी हो गया, इन्श्योरेन्स भी हो गया और फाईनेन्स भी हों गया इस तरह दलालों के माध्यम से इन्श्योरेन्स कंपनियों और फाईनेन्स के कारोबारियों को लाखों रूपयों का चूना लगाया जा चुका है, इस फर्जीवाडे का शिकार हुई फाईनेन्स और इन्श्योरेन्स कंपनियां किसी और नये मामले में उलझने से बचने के लिये अपना दामन बचाने में लगी हैं।
परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव के अनुसार बालाघाट के आरटीओ कार्यालय में फर्जी रजिस्टशन का मामला प्रकाश में आने के बाद बडे रैकेट का पर्दाफाश हुआ है जिसे संज्ञान में लेकर प्रदेश के सभी जिलों के आरटीओ कार्यालयों में विगत 10 सालों में रजिस्टर्ड हुये वाहनों के दस्तावेजों की छानबीन कराई जा रही है। इस छानबीन में अधिकांश मामलों में आगरा एवं आंध्रा के लोगो दारा फर्जी एनओसी तैयार कर वाहनों का फर्जी तरीके से रजिस्टेशन कराये जाने के भी मामले प्रकाश में आये हैं जिनकी तस्दीक की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने अवगत कराया की इस फर्जीवाडे में कई अहम खुलासे हुये हैं पुलिस ने अब तक इन मामलों में 3 आरटीओ 6 बाबूओ और लगभग 38 अन्य लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है 27 लोग गिरफतार किये जा चुके हैं। उन्होने यह भी अवगत कराया की अब यह मामला फर्जी रजिस्टेशन कराने तक ही सीमित नही रह गया है बल्कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फाईनेन्स और इन्श्योरेन्स कराये जाने की भी जानकारी पुलिस को हाथ लगी है जिसकी भी जांच चल रही है।
इस तरह अब तक अफसर बाबू चोर दलाल करते रहे बडा कमाल।