व्यापमं: तमाशा कर रही थी एसआईटी, सीबीआई ने शुरू की कार्रवाई

भोपाल। व्यापमं घोटाले की जांच और कार्रवाई के बाद एसआईटी सिर्फ तमाशा कर रही थी। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ उसने कोई ठोस कदम नहीं उठाया था परंतु सीबीआई ने अब सही दिशा में कार्रवाई की शुरूआत की है। हाईप्रोफाइल आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं। इससे पहले तक वो जेल में तो थे, परंतु उनकी संपत्तियां सुरक्षित थीं, अब सुधीर शर्मा जैसे काले कारोबारियों की संपत्तियां भी खंगाली जाएंगी। उन्हें राजसात किया जा सकता है।

सीबीआई की नजर व्यापमं मामले में हुई बड़ी रकम की लेन-देन पर पड़ गई है। अब देखा जाएगा कि बड़ी रकम कहां से आई और कैसे खर्च की गई। सूत्रों के मुताबिक ये पता लगाने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13(1)डी(3)13(2), 15 का उपयोग होगा।

इसकी जद में आने वालों को अपने धन-संपत्ति का ब्योरा देना पड़ेगा। इससे अवैध कमाई के स्रोत का पता चलेगा और रसूखदारों पर छापे भी पड़ेंगे। कोर्ट जा चुके मामलों की भी दोबारा जांच की अनुमति मांगी जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की कार्यशैली में इस धारा का उपयोग चतुराई से किया जाता है। इसके लिए सीबीआई अफसर पूरा होमवर्क भी करते हैं।

इनमें आरोपियों की संपत्ति विवरण, स्रोत, कारोबार आदि के संबंध में प्राथमिक तौर पर पुख्ता जानकारियां जुटा ली जाती हैं। दूसरी ओर मप्र पुलिस की एसटीएफ इन मामलों की जांच के दौरान भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं का उपयोग करने से बचती रही है।

ऐसे में माना जा रहा है कि एक-एक साल पहले से एसटीएफ के घेरे में आए आरोपियों को इस मोर्चे पर बचाव का काफी 'मौका' मिलता रहा है। गौरतलब है कि गत दिवस संविदा शिक्षक भर्ती घोटाले में दर्ज दो एफआईआर में इन धाराओं का उपयोग किया गया है। इनमें लक्ष्मीकांत शर्मा, नितिन महेंद्रा, पंकज त्रिवेदी जैसे कई रसूखदारों के नाम हैं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!