जबलपुर। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि आगामी 12 जुलाई को होने वाली डीमेट परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की परीक्षा के तत्काल बाद स्केनिंग करना संभव है। मुख्य न्यायाधीश एएम खानविलकर और जस्टिस केके त्रिवेदी की खंडपीठ ने इस मसले पर राज्य सरकार को गुरुवार तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए।
रतलाम के पूर्व विधायक पारस सखलेचा ने व्यापमं फर्जीवाड़े के समानांतर प्रदेश के निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में 2010 से सीटें बेचने और अन्य गड़बड़ियों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हाईकोर्ट ने 25 जून को राज्य सरकार, सचिव मेडिकल एजुकेशन, डीएमई, गृह सचिव, डीजीपी, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और प्रवेश एवं फीस निर्धारण समिति को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका में मांग की गई थी कि आगामी 12 जुलाई को होने वाली परीक्षा के तुरंत बाद ओएमआर शीट की स्केनिंग कराई जाए, ताकि बाद में उसमें कोई फेरबदल नहीं किया जा सके। याचिका में डीमेट घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की गई है।
याचिका में आरोप लगाया गया कि वर्ष 2007 से 2014 तक डीमेट के एनआरआई और पीएमटी कोटे की 50 प्रतिशत सीटें अवैधानिक रूप से मैनेजमेंट कोटे में बदलकर बेच दी गईं। अकेले 2010 से 2013 के बीच पीएमटी कोटे की कुल 1533 सीटों में से प्रवेश के अंतिम दिन 721 सीटों को निरस्त कर मैनेजमेंट कोटे में डालकर नीलाम की गईं। इनमें कॉलेज संचालकों के अलावा कई प्रभावशील लोग शामिल हैं, जिन्होंने लाखों रुपए कमाए। डीमेट परीक्षा केवल दिखावा थी, नीलामी द्वारा मेरिट लिस्ट पहले ही तैयार कर ली जाती थी।
