भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कहते हैं कि अगर स्वतंत्र जांच हुई तो लक्ष्मीकांत शर्मा जरूरी मुंह खुलेंगे. वह भी मानते हैं कि घोटाले के ज्यादा राज उनके जरिए ही बाहर आ सकते हैं. लक्ष्मीकांत शर्मा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे. वह आरएसएस नेताओं के भी पसंदीदा रहे हैं. कहा जाता है कि आरएसएस नेताओं के कहने पर उन्होंने व्यापमं के जरिए कुछ व्यक्तियों को उपकृत किया. व्यापम घोटाले में राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी पर जो आरोप लगते रहे हैं और उनसे जुड़े फोन कॉल का जो ब्योरा है वह भी लक्ष्मीकांत शर्मा ही बता सकते हैं.
कुछ समय पहले जब एसआईटी की टीम के प्रमुख सदस्यों से संवाददाता ने बात की थी तो उन्होंने पूछने पर कहा था कि लक्ष्मीकांत शर्मा ने वह सब नहीं बताया जिसकी घोटाले में हर तरफ चर्चा होती है. दिलचस्प है कि पिछला विधानसभा चुनाव हारने से पहले लक्ष्मीकांत शर्मा के करीबी यह मानकर चल रहे थे कि वह आरएसएस की कृपा पाकर मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं. आरएसएस-भाजपा का एक गुट लक्ष्मीकांत शर्मा का प्रबल समर्थक था.
शायद यही वजह थी कि लक्ष्मीकांत शर्मा ने शिवराज सिंह चौहान से भी पंगा ले लिया. विधानसभा चुनाव में उन्होंने शिवराज को प्रचार के लिए भी नहीं बुलाया. लक्ष्मीकांत के करीबियों की मानें तो उन्हें शिवराज के खेमे ने हरवाया. लक्ष्मीकांत शर्मा ने अभी तक मीडिया को भी कोई इंटरव्यू नहीं दिया है. व्यापमं घोटाले के जानकारों का अभी भी मानना है कि अगर ऐजेंसियां लक्ष्मीकांत शर्मा को मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं कर सकी तो यह मामला कभी भी पूरा नहीं खुल पाएगा. दरअसल इस मामले में समाज के हर वर्ग की बड़ी मछलियां आरोपी हैं जिनके चेहरे से अब तक नकाब नहीं हटा है.
