जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर के कलेक्टर व एसपी को सख्त निर्देश दिया है कि आगे से शहर की सड़कों में कोई भी आमसभा आयोजित न होने दी जाए। यदि कोई ऐसा करते पाया जाए तो सड़क पर रखी सामग्री जब्त करने के अलावा दोषियों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जाए। इस संबंध में आगामी सुनवाई तिथि 3 अगस्त को रिपोर्ट पेश करने कहा गया है।
गुरुवार को प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस सुशील कुमार गुप्ता की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतीश वर्मा ने अपना पक्ष स्वयं रखा।
फोटोग्राफ पेश किए
उन्होंने बाकायदे फोटोग्राफ प्रस्तुत करके बताया कि हाईकोर्ट ने सड़कों पर आमसभा, धरना-प्रदर्शन आदि प्रतिबंधित कर दिए हैं। इसके बावजूद 11 जून को नगर निगम की नाक के नीचे सिविक सेंटर रोड में जनसभा आयोजित की गई। लिहाजा, नए सिरे से सख्त दिशा-निर्देश अपेक्षित हैं।
गंभीरता बरती जाए
हाईकोर्ट ने राज्य की ओर से मौजूद शासकीय अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली को जिम्मेदारी सौंपी कि वे दिशा-निर्देश का गंभीरता से पालन सुनिश्चित कराएं। कलेक्टर व एसपी का दायित्व है कि वे सड़कों पर सामान्य यातायात की तमाम बाधाओं को आड़े हाथों लें। नागरिकों को उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित किया जाना असंवैधानिक है।