भिंड। संविदा शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच को उलझा देने के लिए रिकार्ड को गायब कर दिया गया है। अब अधिकारी यहां वहां पत्राचार कर समय गुजार रहे हैं। बता दें कि इस मामले में लम्बे समय से कार्रवाई को टालने के उपक्रम किए जा रहे हैं, जबकि इस घोटाले में एक दो नहीं बल्कि तीन आईएएस अफसरों पर रिश्वतखोरी के आरोप हैं। जिले में करीब 3000 फर्जी संविदा शिक्षक भर्ती किए गए थे।
संविदा शिक्षक फर्जीवाड़े की जांच रिकार्ड गायब होने की वजह से तीसरी बार अटक गई है। जांच अधिकारी ने प्रभारी कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि जांच को लेकर न तो शिक्षकों की मैरिट लिस्ट दी गई है, अौर ना ही जनपद अध्यक्ष रिकार्ड उपलब्ध करा रहे हैं। इस संबंध में कलेक्टर को चार बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन उसके बाद भी आज तक कोई जवाब नहीं आया है। जांच अधिकारी वाई एस भदौरिया ने कहा कि जब उनके पास रिकार्ड ही नहीं है, तो कैसे फर्जीवाड़े की जांच करेंगे।
जिले की अटेर, भिंड, लहार, रौन, मेहगांव अौर गोहद जनपद में संविदा शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति हुई थी। निवर्तमान कलेक्टर एमसिबि चक्रवर्ती ने कहा था कि जिले में तीन हजार से अधिक संविदा शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां हुई थी, उस समय तक जनपद में रिकार्ड थे, लेकिन मेहगांव अौर अटेर जनपद ने शिक्षकों की नियुक्तियों के रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराए थे, इसको लेकर जनपद सीईओ को फटकार लगाकर नोटिस भी जारी किए गए।
जनपद सीईओ बोले पावती नहीं मिली
संविदा शिक्षक फर्जीवाडे़ की जांच कर रहे वाईएस भदौरिया ने भिंड जनपद सीईओ से पत्र लिखकर फर्जी शिक्षकों की नियुक्तियों का रिकार्ड मांगा था। जनपद पंचायत के अफसरों ने पत्र लिखकर कहा कि उन्होंने एक साल पहले एडीएम कार्यालय में रिकार्ड भेजा था, जिसकी पावती उनको नहीं दी गई थी। ऐसे में उनके पास रिकार्ड नहीं है। उधर जब एडीएम दफ्तर के कर्मचारियों को जांच अधिकारी ने पत्र लिखा तो उन्होंने भी रिकार्ड नहीं होने की बात कह दी।
जानकारी पत्र के माध्यम से दे दी गई है
संविदा शिक्षक फर्जीवाड़े के रिकार्ड गायब है। इसकी जांच को लेकर जनपद सीईओ को पत्र लिखे है, लेकिन वह रिकार्ड उपलब्ध नहीं करा रहे है, ऐसे में कैसे जांच हो सकती है। कलेक्टर को भी इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से दे दी गई है।
वाइ एस भदौरिया, जिला पेंशन अधिकारी