संविदा कर्मचारियों के वेतन से 10 करोड़ निगल गई अफसरशाही

भोपाल। सर्व शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत कई संवर्गों के कर्मचारियों को केंद्र सरकार द्वारा मंजूर किया गया वेतन पूरा नहीं दिया गया। इस वजह से इन कर्मचारियों के पिछले वित्तीय वर्ष की तनख्वाह के हिस्से के 10 करोड़ रुपए से ज्यादा लैप्स हो गए।

इस अभियान के तहत एमआईएस को-ऑर्डिनेटर, मोबाइल स्त्रोत केंद्र सलाहकार, सहायक वार्डन और डाटा एंट्री आॅपरेटर पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों की सैलरी नहीं बढ़ाई गई। नियमानुसार नियमित कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते के मुताबिक इन कर्मचारियों को हर साल एक अप्रैल से वेतन में इजाफा होना चाहिए।

अभियान के तहत केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए वेतन से इन्हें 2 से 10 हजार रुपए तक कम दिए गए। वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि यदि एक हफ्ते के भीतर इन कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ाया गया तो प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा।

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