ग्वालियर। प्री-पीजी फर्जीवाड़े में 18 लाख रुपए लेकर आंसरशीट के गोले काले कराने वाले व्यावसायिक परीक्षा मंडल के पूर्व डायरेक्टर योगेश उपरीद को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने गिरफ्तार किया है। पुलिस इसे भोपाल से गिरफ्तार कर लाई है। देर रात तक पुलिस इससे पूछताछ करती रही। उपरीद ने बताया है कि प्री-पीजी में अांसरसीट के गोले काले कराने के एवज में उसने 18 लाख रुपए लिए थे। उपरीद वर्तमान में डीमेट में अफसर हैं और इससे पहले जबलपुर के दुर्गावती विश्वविद्यालय के डीन रह चुके हैं।
2010 में भाजपा नेता गुलाब सिंह के बेटे सहित पांच छात्रों के खिलाफ मामला कायम किया गया था। योगेश उपरीद पर इन्हीं पांच छात्रों में किसी एक की आंसर शीट के गोले काले करवाने का आरोप है। एसआईटी कुछ समय पहले व्यापमं के चीफ एनालिस्ट नितिन महेंद्रा व डॉक्टर जगदीश सागर को पूछताछ के लिए लाई थी।
इन्होंने पूछताछ के दौरान बताया था कि व्यापमं के पूर्व डायरेक्टर योगेश उपरीद ने भी प्री-पीजी में प्रवेश दिलाने के लिए व्यापमं के अंदर ही आंसर शीट के गोले काले कराए थे। तब से ही एसआईटी उपरीद के खिलाफ सबूत तलाश कर रही थी। इस दौरान एसआईटी के हाथ कुछ सबूत भी आए थे। इसके बाद पुलिस ने बुधवार को योगेश को भोपाल से हिरासत में लिया पूछताछ की और देर रात गिरफ्तार कर लिया। एएसपी वीरेंद्र जैन के अनुसार उपरीद ने बताया है कि 2010 में प्री-पीजी के जिस छात्र की आंसर शीट के गोले काले कराए गए थे उसका नाम सामने आ गया है। इसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें रवाना कर दी गई हैं।
