मंत्री ने माना: भारत में 30 प्रतिशत ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी

हैदराबाद। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को स्वीकार किया है कि देश में करीब 30 फीसदी ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं, याद दिला दें, 30 प्रतिशत फर्जी हैं, जबकि रिश्वत के बदले बिना जांच के बनने वाले ड्राइविंग लाइसेंस का कारोबार इससे इतर है। अब मंत्री ने कहा है कि सरकार ने इस तंत्र में पारदर्शिता लाने एवं उसे भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए नये मोटर वाहन अधिनियम का प्रस्ताव रखा है।

गडकरी ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस पर स्थिति यह है कि देश में 25-30 फीसद ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी हैं। इस कारण सरकार ने विकसित देशों अमेरिका, कनाडा, जापान, जर्मनी और सिंगापुर के नमूनों को पढ़ने तथा राज्यों से परामर्श करने एवं आम लोगों से सूचनाएं संग्रहित करने के बाद नया मोटर वाहन अधिनियम प्रस्तावित किया है। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित कानून में लाइसेंस जारी करना कंप्यूटर आधारित हो जाएगा और उपग्रहों से जुड़ा होगा। यदि पात्र उम्मीदवारों को लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि पांच लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में यातायात नियमों के उल्लंघन का रिकार्ड करने के लिए उपग्रहों से जुड़े कैमरे लगाये जाएंगे और जो उल्लंघनकर्ता जुर्माने को चुनौती देते हैं, यदि अपराध साबित होता है तो उन्हें दुगना जुर्माना भरना पड़ेगा। 
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