होटल नूर-उस-सबाह की ओर मुढ़ गई मप्र की राजनीति

भोपाल। आज शाम मप्र की सारी राजनीति भोपाल के होटल नूर-उस-सबाह में होगी। कई टूटे हुए दिल चेहरों पर नकली मुस्कान लिए मिलेंगे, फोटो भी खिंचवाएंगे। 19 मई को शादी में बंधन में बंधने के बाद दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह और सृजाम्या का रिसेप्शन भोपाल के होटल नूर-उस-सबाह होटल में मंगलवार को हो रहा है। रिसेप्शन में प्रदेश की तमाम राजनीतिक और प्रशासनिक हस्तियां नव दंपती को आशीर्वाद देने पहुंचेंगी।

गौरतलब है कि 19 मई को शादी होने के बाद 22 मई को दिल्ली के पांच सितारा अशोका होटल में रिसेप्शन रखा गया था, जिसमें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी सहित जाने-माने लोग पहुंचे थे। दिग्विजय सिंह ने खुद उनकी अगवानी की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राजनीतिक प्रतिद्वंदिता भुलाते हुए दिग्विजय सिंह के बेटे और बहू को आशीर्वाद देने गए थे। उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार के एक साल पूरे होने पर दिग्विजय सिंह नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को आड़े हाथों ले रहे थे। वहीं बाद में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी नवदंपती को अाशीर्वाद देने गए।

भाजपा-कांग्रेस के कई नेता पहुंचे थे दिल्ली रिसेप्शन में
राघौगढ़ राजघराने के राजा दिग्विजय सिंह के बुलावे पर भाजपा-कांग्रेस समेत तमाम प्रमुख राजनीतिक हस्तियां रिसेप्शन में पहुंचीं। उल्लेखनीय है कि 19 मई को गुड़गांव के एक फार्म हाउस में जयवर्धन सिंह और सृजाम्या की शादी हुई थी। जिसमें भारत के ज्यादातर राजघरानों के सदस्य भी शामिल हुए थे।

मंगलवार को हो रहा भोपाल में रिसेप्शन
शाही शादी के बाद जयवर्धन और सृजाम्या के लिए तीन रिसेप्शन रखे गए हैं। एक रिसेप्शन शुक्रवार को दिल्ली में हुआ। मंगलवार को भोपाल में और 29 मई को राघौगढ़ में रखा गया है।

इस तरह का रहा जयवर्धन का बचपन से शादी तक का सफर
जयवर्धन सिंह अपने परिवार में सबसे छोटे हैं। जयवर्धन राजनीति में आने से पहले 'रूरल एंटरप्रेन्योरशिप प्रोजेक्ट' पर काम करते थे। वे योजना आयोग में ग्रामीण विकास को लेकर इंटर्नशिप भी कर चुके हैं। पिता दिग्विजय सिंह की जिद के कारण ही उन्होंने 'रूरल डेवलपमेंट' को फोकस करते हुए अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी से MBA किया है।

राजनीति में आने से पहले पद यात्रा करवाई
वैसे तो दिग्विजय सिंह अपने बेटे जयवर्धन सिंह को राजनीति में लाने के इच्छुक नहीं थे, लेकिन जयवर्धन सिंह की इच्छा को देखते हुए उन्होंने इसके लिए हामी भर दी। राजनीति में आने से पहले दिग्विजय सिंह ने अपने बेटे को पूरे राघौगढ़ क्षेत्र की पदयात्रा करवाई, ताकि वे अपने क्षेत्र के बारे में जान सकें। 2013 विधानसभा चुनाव में वे पहली बार विधायक बने।

दून स्कूल में हुई है पढ़ाई
1986 में जन्में जयवर्धन सिंह की पढ़ाई दून स्कूल से हुई है। उन्होंने अपना ग्रेजुएशन दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया और इसके बाद अमेरिका में एमबीए की पढ़ाई की। दोस्त और पारिवारिक सदस्य उन्हें 'जेवी' या 'बाबा' के नाम से पुकारते हैं।

बहनों के हैं लाडले
जयवर्धन सिंह अपनी चारों बहनों से छोटे हैं। वे सभी बहनों के लाडले भी हैं। अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में जब उन्होंने पढ़ाई पूरी की, तो सभी बहनें उन्हें बधाई देने वहां पहुंची थीं। जयवर्धन सिंह काफी विनम्रता से बात करते हैं। जयवर्धन की मां आशारानी सिंह का 2013 में निधन हो गया था। आशा सिंह अपनी आंखों के सामने बेटे को दूल्हा बनते देखना चाहती थीं, लेकिन उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई।

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