मप्र में हर वारदात के पीछे भाजपा का हाथ: कांग्रेस का आरोप

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने मंत्री ज्ञानसिंह के निवास पर लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर की पिटाई और पीड़ित इंजीनियर द्वारा कोतमा नगर पालिका अध्यक्ष राजेश सोनी तथा विंध्य विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता पर मंत्री के लिए दलाली करने के लगाये गये गंभीर आरोप और राजधानी भोपाल के अशोका गार्डन थाना क्षेत्र में एक युवती पर सरेराह तेजाब फेंकने की घटना को गंभीर मामला बताते हुए कहा है कि पूरा प्रदेश भ्रष्टाचारियों, दलालों और गुण्डों के हवाले है, चूंकि इन तीनों ही श्रेणी के अपराधियों को राजनैतिक पनाह प्राप्त है, इसलिए वे बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम दे रहे हैं?

आज यहां जारी अपने बयान में उक्त आरोपों को स्पष्ट करते हुए मिश्रा ने कहा कि छोटे से बढ़े भ्रष्टाचारी रंगे हाथों पकड़े जाने के बावजूद भी न सस्पेंड हुए, बल्कि उन्होंने पदोन्नतियां भी हासिल की हैं और आज भी मलाईदार पदों पर काबिज हैं, ऐसे में भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश विधानसभा में भ्रष्टाचार को लेकर बहुप्रचारित ‘विशेष न्यायालय अधिनियम-2011’ की सरेआम उड़ रही धज्जियों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खामोश क्यों हैं? अरविंद-टीनू जोशी के विरूद्व करोड़ों रूपयों की अकूत संपत्ति पाये जाने के बावजूद भी वे अब तक किसके संरक्षण में बाहर रहे? उज्जैन के वनसंरक्षक व्ही.के. सिंह के यहां लोकायुक्त के छापों के दौरान करोड़ों रूपयों की अकूत संपत्ति भी सामने आयी, उन्हें पहले बहाली और फिर मलाईदार पद पर काबिज किसके दबाव में किया गया? इसी तरह व्यापम महाघोटाले के चिन्हित सफेदपोश अपराधियों को कौन बचा रहा है। प्रदेश मंत्री मंडल के मंत्रियों के कौन-कौन दलाल तबादलों, पदोन्नतियों, गर्वमेंट सप्लाय, सभी स्तरीय सरकारी निविदाओं में सीधी दलाली कर रहे हैं? यही नहीं कांग्रेस के पास कतिपय बड़े नौकरशाहों के दलालों के नाम भी प्रमाण के तौर पर सामने आ चुके हैं तो प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चैहान इससे अनभिज्ञ क्यों और किसलिए हैं?

मिश्रा ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि समूचा प्रदेश एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार कानून-व्यवस्था को लेकर देश में अव्वल दर्जे पर है, चोरी, डकैती, हत्याएं, बलात्कार, यौन उत्पीड़न, लूट, अपहरण जैसी घटनाओं में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। राजनैतिक दबाव में पुलिस बेखौफ अपराधियों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है। पुलिस विभाग में हाल ही में हुए स्थानांतरणों पर निशाना साधते हुए कहा कि योग्य पुलिस अफसरों को दरकिनार कर प्रमोटियों और राजनैतिक पहुंच वाले कई बदनाम अफसरों को उपकृत किया गया है। कानून-व्यवस्था को लेकर ईमानदार, दक्ष और सक्रिय प्रशासनिक पुलिस अफसरों को उनकी योग्यताओं से वंचित करना आने वाले समय में सरकार को महंगा पड़ सकता है। 

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