अब नहीं लग पाएंगे सरकारी विज्ञापनों पर शिवराज के फोटो: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

भोपाल। बड़े बड़े सरकारी विज्ञापनों पर शिवराज सिंह चौहान के फोटो अब नहीं लग पाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि सरकारी विज्ञापनों पर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मुख्य न्यायाधीश की फोटो के अलावा कोई दूसरी फोटो नहीं होनी चाहिए।

सरकारी विज्ञापनों में पब्लिक मनी के दुरुपयोग को रोकने के लिए दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी विज्ञापनों में नेताओं की फोटो का इस्तेमाल करना सही नहीं है। इन विज्ञापनों में प्रधानमंत्री ,राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधी की फोटो का इस्तेमाल हो सकता है। कोर्ट ने ये भी कहा कि इसका इस्तेमाल कैसे होना है, ये लोग खुद तय करें।

कोर्ट ने इसके लिए सरकार को तीन लोगों की कमेटी नियुक्त करने के निर्देश दिये हैं, जो विज्ञापनों पर नजर रखेगी। अपने फैसले में कोर्ट ने ये भी कहा है कि अगर विज्ञापन सही है तो चुनाव से पहले भी इसका इस्तेमाल हो सकता है।

क्या है मामला
याचिका में कहा गया है कि सरकार चला रही पार्टियां सरकारी विज्ञापनों के ज़रिये राजनीतिक लाभ लेती हैं। इसलिए विज्ञापनों की सामग्री पर नियंत्रण के लिए व्यवस्था बनाई जानी चाहिए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी ने गाइडलाइंस कोर्ट में पेश की थी। गाइडलाइन के मुताबिक सरकारी विज्ञापन में न तो पार्टी का नाम, न पार्टी का सिंबल या लोगो, न पार्टी का झंडा और न ही पार्टी के किसी नेता का फोटो होना चाहिए। हालांकि केंद्र सरकार ने इसका विरोध किया था। सरकार के मुताबिक यह मामला जूडिशियल दायरे में नहीं है क्योंकि चुने गए प्रतिनिधि इसके लिए संसद के प्रति जवाबदेह हैं। केंद्र सरकार का कहना था कि यह कोर्ट कैसे तय कर सकती है कि कोई विशेष विज्ञापन का जारी होना राजनीतिक फायदे के लिए है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!