भोपाल। एसआईटी से हमने पूछा कि एक्सलशीट मामले में केस दर्ज क्यों नहीं हुआ तो टीम ने असमर्थतता जाहिर करते हुए कह दिया कि हम कुछ नहीं कर पाएंगे। जब कार्रवाई नहीं कर सकते तो फिर पद पर छोड़िए। मैं निराश और दुखी हो गया हूं कि आखिर कहां जाएं। अब राष्ट्रपति के पास जाकर उनके सामने सारे तथ्य रखेंगे।
ये बात पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एसआईटी से मिलने के बाद पत्रकारवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि एसआईटी को ऐसे सबूत दिए जो व्यापमं घोटाले की जांच में मददगार साबित हो सकते थे लेकिन एसआईटी और एसटीएफ कोई कार्रवाई ही नहीं कर रही है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखाया। कोर्ट ने एसआईटी बना दी। हमने एसआईटी को दस्तावेज सौंपे लेकिन कोई ये बताने तैयार नहीं है कि आखिर जांच क्या हो रही है।
पागल हूं लड़ाई लडूंगा:
सिंह ने कहा कि बाहर चर्चाएं हो रही है कि मामला संभाल लिया है। सब सेट हो गया है। दिग्विजय सिंह से समझौता हो गया है तो मैं ये साफ कर देता हूं कि पागल आदमी हूं और लड़ाई लड़ूंगा। अवैध नियुक्ति मामले में मेरे खिलाफ एफआईआर हुई है, मैं स्वागत करता हूं। मुझे गिरफ्तार कर जेल भेज दो । वहां व्यापमं घोटाले का टोटल ब्रेन है। उनसे सीखूंगा और नए प्रमाण पता लगाऊंगा। पूर्व सीएम ने सीएसपी सलीम खान को भी फोन लगा कर पूछा कि भोपाल में हूं, कब आ जाऊं ।
SIT को सौंपा पत्र
सिंह ने अपने हलफनामे, एक्सलशीट से छेड़छाड़, कॉल डिटेल की जांच सहित जो अन्य मुद्दे विभिन्न पत्रों के जरिए एसआईटी के समक्ष उठाए थे उनकी जांच की स्थिति पूछी। जब संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो कहा कि मैं जेल जाने भी तैयार हूं। दस साल तक मुख्यमंत्री रहा हूं। पता है कितने दवाब आते हैं। सिंह के साथ गए प्रतिनिधिमंडल में शामिल एक सदस्य ने बताया कि जस्टिस भूषण ने कहा कि हमारे ऊपर कोई दवाब नहीं है। उन्होंने ये जरूर स्वीकार किया कि कॉल डिटेल वाला पत्र जरूर जांच के लिए नहीं सौंपा जा सका। वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा ने बताया कि एसआईटी ने पूरी बात सुनी और असमर्थता जाहिर की। इस दौरान विवेक श्रीवास्तव, लक्ष्मण सिंह, मानक अग्रवाल, केके मिश्रा, विभा पटेल सहित अन्य लोग मौजूद थे।
पहले था उत्साह
सिंह ने कहा कि जब एसआईटी से पहली बार मिले थे तब टीम में उत्साह था। हाईकोर्ट ने भूमिका तय की तो टीम ने हाथ ऊंचे कर दिए। आश्चर्य यह जानकार हुआ कि हमने सीएम हाउस में रहने वाले एक सदस्य की कॉलडिटेल कन्टेंट के साथ दी। इसमें बताया कि सुधीर शर्मा को एसएमएस गया। पंकज त्रिवेदी ने इसे नितिन महेन्द्रा को फारवर्ड किया। सभी जेल में हैं, जिसकी सिफारिश थी वो सिलेक्ट हो गया पर एसआईटी ने इसे जांच के लिए एसटीएफ को भेजा ही नहीं।
तथ्यों की जांच नहीं करते
एसआईटी चाीफ चंद्रेश भूषण ने दिग्विजय सिंह के आरोपों का जवाब तो नहीं दिया पर इतना जरूर कहा कि हाईकोर्ट ने हमारी भूमिका तय की है। हम तथ्यों की जांच नहीं करते हैं। जो बिन्दु उन्होंने मुलाकात में उठाए, उस पर एसटीएफ से तथ्यात्मक रिपोर्ट प्राप्त की जाएगी। इसके बाद जरूरत पड़ी तो निर्देश भी जारी करेंगे।