वामपंथ की दरकती जमीन अब ‘सीताराम’ के हवाले

राकेश दुबे@प्रतिदिन। वामपंथ अब फिर इकठ्ठा होने की जुगत रहा बना है| मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी आफ इण्डिया “सीताराम” के शेयर एकजुट होने की कोशिश कर रही हैं| सच में सीताराम येचुरी ने महासचिव के रूप में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) की कमान ऐसे समय में संभाली है, जब पार्टी की साख दांव पर लगी हुई है। पार्टी का जनाधार लगातार सिकुड़ रहा है और इसके कैडरों में बिखराव है।

पिछले दिनों संपन्न सीपीएम की 21 वीं कांग्रेस में पेश एक आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया था कि पार्टी ने केरल और त्रिपुरा में अपनी जमीन नहीं खोई है, लेकिन केरल राज्य इकाई के कॉमरेडों में वाम मूल्यों का ह्रास हुआ है और वे शराब, साहूकारी और प्रॉपर्टी के धंधे में उतर गए हैं।

जाहिर है, सीपीएम की लड़ाई आज की तारीख में किसी और से नहीं खुद से ही है। महासचिव के रूप में सीताराम येचुरी की सबसे बड़ी चुनौती अपनी बुनियादी जमीन को फिर से पाने की है। दरअसल पिछले कुछ वर्षों में पार्टी नेतृत्व और इसके कैडर के बीच एक बड़ी फांक आ गई है। इसकी लीडरशिप शहरी मिडल क्लास की है, जो धीरे-धीरे अपने कैडर से दूर होती गई है।

ध्यान देने की बात यह है कि प्रकाश करात के नेतृत्व की कमजोरियों से मुक्ति पाने की कोशिश में पार्टी को दूसरा नाम येचुरी का सूझा। ये दोनों लंबे समय से पार्टी के अग्रणी नेताओं में शामिल रहे हैं। करात की तरह येचुरी भी मध्यमवर्गीय पृष्ठभूमि से आते हैं।

साफ है कि सीपीएम नेतृत्व मध्यवर्गीय मानसिकता से उबर नहीं पा रहा। ऐसे में मजदूर, किसान को एकजुट करके व्यवस्था में बदलाव का पार्टी का लक्ष्य कहीं पीछे छूट गया है। और तो और एक विपक्ष के रूप में भी अपनी धार उसने खो दी है। इसकी हैसियत बयान जारी करने वाली पार्टी की होती जा रही है। फिर करात के संशयी रुख की वजह से सीपीएम भारतीय राजनीति में काफी हद तक मित्रहीनता की स्थिति में आ गई। पार्टी न तो कांग्रेस को साथ ले पाई और न ही तीसरे मोर्चे की अगुआई कर पाई।

वह इन दोनों को लेकर उलझन में पड़ी रही। अगर सीपीएम को फिर से प्रासंगिक बनाना है, तो येचुरी को सबसे पहले अपने कैडरों को संगठित करना पड़ेगा और उनमें उत्साह भरना होगा। फिर समानधर्मा वाम दलों को साथ लेकर चलना होगा। सबसे बड़ी बात यह कि उन्हें जनता का विश्वास जीतना होगा, जिससे पार्टी दूर जा चुकी है। देखना है, वह इन जिम्मेदारियों को किस प्रकार निभा पाते हैं।

खक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com


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