बोर्ड पेपर लीक कांड की रिपोर्ट सबमिट, क्या केंसल हो जाएगा पेपर

उज्जैन। बोर्ड परीक्षा में इस साल पेपर लीक होने की सबसे बड़ी लिंक इंदौर में पकड़ी गई। इंदौर के अफसरों ने न सिर्फ इसे पकड़ने में ढिलाई बरती और मामला उज्जैन पुलिस की सक्रियता के चलते ही सामने आ पाया। पूरे नकल कांड की रिपोर्ट प्रदेश सरकार के आला अफसरों व इंदौर कलेक्टर को भेज दी गई, लेकिन अब भी मामला केवल उज्जैन पुलिस की जांच में सामने आए मुख्य आरोपियों तक ही सीमित है। इधर उज्जैन पुलिस का कहना है कि अब इस मामले में जांच आगे बढ़ाना शासन स्तर पर तय होना हैं। पुलिस जांच में पेपर लीक होना पाया गया है। सवाल यह है कि शासन स्तर पर इस मामले में अब क्या फैसला हो गया। 

उज्जैन में शुरुआत में सबसे पहले मयंक पंजाबी, प्रवीण गर्ग, अजय सिंह सिसौदिया, अनमोल डबलानी, विक्की चौहान, रवींद्र पेठे, हेमंत मंडलोई व प्रतीक को पकड़ा। इसके बाद इनसे पूछताछ में इसकी असली लिंक तक पुलिस पहुंची, जो इंदौर से संबंधित थी, जहां से पेपर लीक हो रहा था। इसमें उदय वाघमारे, पवन बाकड़िया, प्रतीक शर्मा, गणेश तंवर थे। 

पवन था मुख्य सरगना 
इंदौर के भारत बाल विनय मंदिर हायर सेकंडरी स्कूल के डायरेक्टर पवन बाकड़िया पूरे मामले में पेपर लीक करने की सबसे बड़ी कड़ी थी, जो उदय वाघमारे केंद्राध्यक्ष आई के कॉलेज छावनी से परीक्षा के सवा घंटे पहले पेपर की फोटो खींचकर पवन को वाट्स अप करता था, जिसके बदले पवन उसे प्रति पेपर के 50 हजार रुपए देता था। इसके बाद पवन कुछ लोगों को सीधे वाट्स अप करता और इसके बाद वे लोग इसे इंदौर सहित कई जिलों में पहुंचा दिया करते। परीक्षा के पहले यही पेपर चुने हुए छात्रों तक पहुंच जाता था, जो संबंधित स्कूलों और लोगों से संबंधित थे। 

छात्र के मोबाइल से मिली लिंक 
20 मार्च 2015 को हाई स्कूल व हायर सेकंडरी के परीक्षा केंद्र 442003 भारतीय ज्ञान पीठ उच्चतर माध्यिमिक विद्यालय उज्जैन में 8.10 मिनिट पर परीक्षार्थी मयंक पंजाबी के मोबाइल फोन 7509128323 के वाट्स अप पर सामाजिक विज्ञान विषय का पेपर यहां के केंद्राध्यक्ष बृजमोहन सिंह परिहार के द्वारा देखा गया। इसके बाद इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक उज्जैन को दी गई। इसके बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई और इस छात्र के मोबाइल से पुलिस पेपर लीक होने की पहली लिंक तक पहुंच गई। 

रिपोर्ट मिलेगी तो कार्रवाई करेंगे 
पेपर लीक मामले में अभी उज्जैन पुलिस की ओर से अधिकृत रिपोर्ट नहीं मिली है। हमारी टीम उज्जैन गई थी ताकि इसमें शामिल शासकीय स्कूल प्राचार्य उदय वाघमारे पर विभागीय कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जा सकें। पुलिस ने हमें केवल उनसे संबंधित रिपोर्ट ही दी थी। 
किशोर शिंदे, जिला शिक्षा अधिकारी, इंदौर 

हमें जब बोर्ड के पेपर लीक होने की जानकारी लगी थी तो शुरुआती स्तर पर हमने गिरफ्तारी कर उस मुख्य कड़ी तक पहुंचाना चाहते थे, जहां से यह पेपर लीक हो रहा था। इसकी प्रारंभिक पूरी कड़ी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इसके बाद इसकी रिपोर्ट इंदौर सहित शासन के आला अफसरों तक भेज दी है। वे आगे क्या कार्रवाई करेंगे, अब उनके ऊपर सब कुछ निर्भर है। 
सलीम खान, जांचकर्ता अधिकारी, नकल कांड, नील गंगा थाना उज्जैन 

अभी रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। 
एसके चौरसिया
पीआरओ माध्यमिक शिक्षा मंडल 

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