भोपाल। जहां पूरे देशभर के भाजपाईयों ने भाजपा के संस्थापक सदस्य लालकृष्ण आडवाणी को भुला दिया, वो लोग जो आडवाणी के आशीर्वाद से सीएम बने, अब आडवाणी के संदर्भ में एक बयान नहीं देना चाहते। ऐसे हालात में एक नेता ऐसा निकला जिसने आडवाणी के लिए आवाज उठाई।
मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हिम्मत कोठारी ने केंद्रीय नेतृत्व को एक पत्र लिखा है। कोठारी ने पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी और अन्य वरिष्ठ नेताओं को कथित तौर पर आमंत्रित नहीं किए जाने के मामले में केंद्रीय नेतृत्व को एक तरह से चुनौती देते हुए पत्र लिखा है।
तेजतर्रार नेताओं में शुमार कोठारी ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को लिखे पत्र में आडवाणी के अलावा अन्य संस्थापक सदस्यों को आयोजन में आमंत्रित नहीं करने संबंधी खबरों का हवाला देते हुए कहा है कि इस तरह की घटनाओं को रोका जाना आवश्यक है.
वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष कोठारी ने पार्टी अध्यक्ष को संबोधित एक पेज के पत्र में लिखा है, लगता है कि स्थापना दिवस के आयोजकों द्वारा भूलवश माननीय आडवाणी जी को आमंत्रण पत्र न भेजा गया हो. अगर ऐसा हुआ है तो भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लिए आप संज्ञान लेने का कष्ट करें. मुझे उम्मीद है कि आपके निर्देश से भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना नहीं होगी.
कोठारी ने इस संबंध में कहा कि उन्होंने यह पत्र शाह को बुधवार की ही डाक के जरिए भेजा है. राज्य के पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि मीडिया में आयी खबरों के बाद उन्होंने अपनी बात रखी है और सब कुछ पत्र में लिखा है.
कोठारी ने लिखा है कि आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे वर्तमान में विद्यमान नेताओं की वजह से सारे देश में भाजपा का विस्तार हुआ और जनता के बीच पार्टी लोकप्रिय हुयी. अगर इन नेताओं के प्रयास और परिश्रम नहीं होते तो आज केंद्र में जो स्पष्ट बहुमत पार्टी को मिला वह नहीं मिलता. समाचार माध्यमों में उन्हें यह देखकर दुख हुआ कि आडवाणी और अन्य संस्थापक सदस्यों को पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर आमंत्रित नहीं किया गया.
पूर्व मंत्री ने कहा कि यह अत्यंत ही दुखद और पीड़ा दायक है. इस घटना पर उन्होंने शाह से विचार करने की अपेक्षा की है.
उन्होंने पत्र की शुरुआत में लिखा है, आप जानते है कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी, सुंदर सिंह भंडारी, कुशाभाऊ ठाकरे जैसे अनेक तपस्वी नेताओं के त्याग बलिदान और इनके अथक परिश्रम से भारतीय जनता पार्टी आज इस मुकाम पर पहुंची है.