भोपाल। साइबर सुरक्षाकर्मी जितने सुरक्षा बंदोबस्त करते हैं, साइबर लुटेरे उससे कहीं ज्यादा तोड़ने की तकनीक विकसित कर लेते हैं। अब एक नई डिवाइस बन गई है जो एटीएम में चुपके से चिपकी रहती है और पासवर्ड सहित आपका सारा डाटा चुरा लेती है। फिर रात के अंधेरे में जब आप गहरी नींद में होते हैं या मोबाइल आफ होता है तब आपका बैंक अकाउंट खाली कर दिया जाता है। बस एक एसएमएस आता है और आप बर्बाद हो जाते हैं।
ठगों ने ऐसे डिवाइस बना लिए हैं, जो एटीएम में चालाकी से फिट कर दिए जाते हैं। जब आप एटीएम से पैसा निकालने अपना कार्ड यूज करते हैं, तो सारी जानकारी डिवाइस के जरिये ठगों तक पहुंच जाती है। कुछ राज्यों में इस डिवाइस के जरिये ठगी हुई है। भोपाल में भी 2014 में इस तरह की शिकायत आई थीं। मप्र साइबर सेल के एआईजी अशोक खलखो बताते हैं, ठगों से सतर्क करने बेंगलुरु में इस तरह का डेमो उन्होंने देखा था। मप्र में इस तरह की घटनाएं अभी सामने नहीं आई हैं, फिर भी बैंकों को सतर्क रहना चाहिए।
बढ़ रही शिकायतें
बैंकिंग लोकपाल, मप्र व छग की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार इनके पास पहुंचीं शिकायतों में वर्ष 2010-11के मुकाबले वर्ष 2011-12 में 14 फीसदी का इजाफा हुआ था। विभिन्न बैंकों के खिलाफ सेवा संबंधी शिकायतों का यह सिलसिला साल दर साल लगातार बढ़ रहा है। बैंक, फ्रॉड की जानकारी दबा जाती है, जिस वजह से अपराधी ऐसी ही वारदात फिर से करते हैं।
वाकई चिंताजनक बात है
इस तरह के डिवाइस का डेमो हमने बेंगलुरु में देखा था। यह वाकई चिंताजनक बात है। मप्र में तो अभी इस तरह से पैसे निकलने के मामले ज्यादा सामने नहीं आए हैं। यदि ऐसे मामले सामने आए होंगे, तो फिर हम गंभीरता के साथ इसकी छानबीन करेंगे और अलर्ट भी जारी करने की कोशिश करेंगे।
अशोक खलखो
एआईजी, मप्र साइबर सेल
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