फर्जी प्रमाणपत्र कांड: कलेक्टर आफिस में क्राइम ब्रांच का छापा, 18 अरेस्ट

इंदौर। यहां एक बड़े फर्जी प्रमाण पत्र कांड का खुलासा हुआ है। क्राइम ब्रांच ने आज कलेक्टर आफिस में छापामार कार्रवाई कर 18 कर्मचारियों को अरेस्ट कर लिया। इस कार्रवाई में 6 कम्प्यूटर और 2 अल्मारी और 1 केबिन सील किया गया। यहां फर्जी वोटरकार्ड, राशनकार्ड और जाति प्रमाण पत्र बनाए जाते थे। इस रैकेट का माफिया कौन है अभी पता नहीं चल पाया है। क्राइम ब्रांच के कुल 20 कॉप्स ने सादा वर्दी में आपरेशन को अंजाम दिया। टीम ने 500 राशन कार्ड, 400 वोटर आईडी और कई जाति प्रमाण-पत्र भी जब्त किए।

मंगलवार दोपहर करीब 12.30 बजे क्राइम ब्रांच की पांच टीमें कलेक्टोरेट पहुंची। अलग-अलग टीम में टीआई सहित 20 पुलिसकर्मी सादी वर्दी में थे। सबसे पहले टीम एसडीएम सपना जैन की केबिन में पहुंची। वहां से सभी अलग-अलग ग्रुप में बंट गए।

एक टीम एसडीएम के साथ खाद्य विभाग के दफ्तर पहुंची। यहां उन्होंने तीन ऑपरेटरों को दबोचा। इनके कम्प्यूटर और सीपीयू भी सील कर दिए। इनकी दो अलमारियों को भी हाथो-हाथ सील किया। इनके पास से 500 से ज्यादा राशन कार्ड व सील मिलीं, जिन्हें जब्त किया गया।

400 से ज्यादा फर्जी वोटर कार्ड जब्त किए, केबिन किया सील
दूसरी टीम निर्वाचन शाखा गई। यहां उन्होंने सीधे वोटर आईडी कार्ड बनाने वाले कक्ष में छापा मारा। वहां काम कर रहे छह ऑपरेटरों को दबोचा। इनके पास से 400 से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड जब्त किए गए। यहां के तीन कम्प्यूटर और केबिन को भी क्राइम ब्रांच की टीम ने सील कर दिया। तीसरी टीम ने भू-अभिलेख शाखा में छापा मारा। यहां कर्मचारी विकलांग हेमंत सालुंके को पकड़ा। उसके पास से भी विभागीय कागजात पुलिस ने जब्त किए।

ये लोग पकड़े गए
आरोपियों में अंकित जाधव, राहुल शिंदे, रवि सोने, मोनू उर्फ हेमंत जाधव, विनोद रैकवार, अमित, प्रमोद, लिफ्ट ऑपरेटर गब्बर जाधव, कैलाश देवलिया, राहुल कर्णिक, विजय निंगवाल, विक्रम चौहान, संजय कन्नौज, प्यून राजेश श्रीवास, भू-अभिलेख शाखा का प्यून हेमंत सालुंके, खाद्य विभाग से आकाश, मनोज व मुकेश फर्जी पकड़े गए।

कार्रवाई के लिए कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने ही डीआईजी राकेश गुप्ता को पत्र लिखा था। क्राइम ब्रांच और प्रशासनिक अफसरों की टीम ने उन दलालों और कम्प्यूटर ऑपरेटरों को खुद ग्राहक बनकर ट्रेस किया। आरोपियों में छह लोग दो साल पहले भी फर्जीवाड़े में गिरफ्तार हो चुके हैं।

तब कलेक्टर ने दिखाई थी दया, अब फर्जीवाड़े में शामिल हो गया गब्बर
एक टीम ने लिफ्टमैन गब्बर को भी पकड़ लिया। विकलांग गब्बर परिसर की लिफ्ट चलाता है। क्राइम ब्रांच के टीआई जगदीश गोयल ने बताया कि उन्होंने मुखबिर की सूचना पर सभी को पहले आइडेंटीफाई किया। फिर अलग-अलग विभागों में जाकर उन्हें पकड़ा। गब्बर भी इस काले कारनामे में लिप्त है। गब्बर वही है, जिसे डेढ़ साल पहले कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने दया दिखाकर उसे लिफ्टमैन की नौकरी पर रखा था, लेकिन वही गब्बर अब फर्जीवाड़े में शामिल हो गया। गब्बर का कहना था कि इस मामले में मेरा कोई दोष नहीं। फिर भी मुझे पकड़ लिया।

ग्राहक बनकर क्राइम ब्रांच ने बनवाया वोटर कार्ड
3 मार्च, 2013 को भी फर्जीवाड़ा करने वाले छह लोगों को पकड़ा गया था। इसलिए मंगलवार को छापा डाला गया तो नए लोगों की टीम बनाई गई। पहले टीम के सदस्य ने अमित नाम से फर्जी वोटर कार्ड बनवाया। ये लोग वोटर कार्ड और राशन कार्ड बनाने के नाम पर 500 से 800 रुपए वसूलते थे। आरोपियों ने हजारों फर्जी कार्ड बनाए हैं। सभी पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
विनय प्रकाश पाल, एएसपी क्राइम ब्रांच

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