पढ़िए किसानों के लिए सीएम ने अधिकारियों को क्या निर्देश दिए

भोपाल। प्रदेश में ओला और बारिश से हुए फसल नुकसान के लिए किसान को 15 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। इसके लिए सर्वे खेतों को सिंचित मानकर किया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नुकसान के आकलन की समीक्षा करते हुए दिए।

साथ ही सर्वे के लिए अंतिम तारीख पांच अप्रैल भी तय कर दी। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को असमय बारिश से होने वाले फसलों के नुकसान को आरबीसी 6-4 (राजस्व पुस्तक परिपत्र) में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कमिश्नर और कलेक्टरों से कहा कि इस बार बारिश अच्छी होने से हर खेत सिंचित था। इसलिए पूरी फसल को सिंचित फसल मानकर सर्वे किया जाए। इसमें किसानों की मदद पहुंचाने की भावना के साथ काम हो। उन्होंने अधिकारियों को बतायाकि अगली फसल आने तक कर्ज वसूली रोक दी गई है। सर्वे का काम हर हाल में 5 अप्रैल तक पूरा हो जाए।

सूची को पंचायत भवन में चिपकाने के साथ दावे-आपत्तियों का निराकरण जल्दी किया जाए। किसानों को ऐसी आपदा में भरपूर राहत मिल सके, इसके लिए राजस्व पुस्तक परिपत्र में असमय वर्षा से होने वाले नुकसान को भी जोड़ा जाए। बैठक में कलेक्टरों को निर्देश दिए गए कि किसानों को फसल बीमा योजना का फायदा जरूर दिलाया जाए। इसके लिए फसल कटाई प्रयोग समय पर किए जाएं। यदि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बरती गई तो सीधे कलेक्टर जिम्मेदार होंगे।

चमकविहीन और पतला गेहूं खरीदें
मुख्यमंत्री ने गेहूं खरीदी की समीक्षा करते हुए कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि चमकविहीन और पतले दाने वाला गेहूं भी खरीदा जाए। संकट की इस घड़ी में किसानों का हर दाना खरीदा जाए। किसी भी कीमत पर किसानों का गेहूं सस्ते में नहीं बिकना चाहिए।

जिस मंडी में समर्थन मूल्य के नीचे गेहूं की खरीद हो, वहां के नमूने को अनिवार्य रूप से रखा जाए। रविवार के दिन भी मंडियों को खुला रहा जाए। इस दौरान कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, मुख्य सचिव अंटोनी जेसी डिसा, अपर मुख्य सचिव अरुणा शर्मा, प्रमुख सचिव आरके स्वाई, राधेश्याम जुलानिया, डॉ.राजेश कुमार राजौरा सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

बिजली बिलों की वसूली पर रोक
सरकार ने किसानों को राहत देते हुए बिजली के बिल की वसूली पर रोक लगा दी है। इसका फायदा उन किसानों को मिलेगा जिनके स्थायी पंप के अप्रैल 2015 में छह माही बिलों की वसूली होनी है या फिर 31 मार्च 2015 की स्थिति में बकाया राशि की वसूली होनी है। ये वसूली एक साल तक स्थगित रहेगी। इसके दायरे में ओला और बारिश से 50 प्रतिशत से ज्यादा फसलों को नुकसान होने वाले किसान आएंगे। इस तरह किसानों को 31 मार्च 2016 तक बिजली बिल भुगतान से छूट मिलेगी।

तय किया गया है कि प्रभावित किसानों से एक अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2016 तक की अवधि का कोई सरचार्ज भी नहीं लिया जाएगा। इस सुविधा के लिए कलेक्टर प्रभावित किसानों की प्रमाणित सूची विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री को मुहैया कराई जाए।

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