भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस जल्द ही अत्याधुनिक इंडियन एसॉल्ट राइफल का इस्तेमाल करेगी। इसके लिए पहली बार ईशापुर, कोलकाता की ऑर्डिनेंस फैक्टरी से ढाई हजार एसॉल्ट राइफल की खरीदी प्रक्रिया शुरू की गई है। अफसरों का मानना है कि इससे हॉक फोर्स, नक्सल ऑपरेशन यूनिट और एटीएस समेत मप्र पुलिस मजबूत होगी। अभी तक एके-47 का इस्तेमाल किया जाता रहा है।
एक एसॉल्ट राइफल मप्र पुलिस को करीब 50 हजार रुपए में पड़ेगी। इनकी खरीदी इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि कुछ आतंकी संगठन आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस की इंटेलिजेंस शाखा भी कई मर्तबा यह खुलासा कर चुकी है कि प्रदेश में लगातार आतंकी और नक्सलियों का खतरा है। इसलिए प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों के अलावा पुलिस की हर यूनिट को आधुनिक हथियारों से लैस करवाया जाए। एडीजी प्रोविजन कैलाश मकवाना के मुताबिक इन राइफल्स की खरीदी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। संभवत: मई-जून तक इन्हें पुलिस की अलग-अलग यूनिट में वितरित कर दिया जाएगा।
300 मीटर तक मारक क्षमता
मुख्यालय सूत्रों के मुताबिक एसॉल्ट राइफल की मारक क्षमता 300 मीटर है। यह एक ऑटोमेटिक फायर सुविधा गन है। 3.630 किलो की इस राइफल से एक मिनट में सौ राउंड फायर किए जा सकते हैं। वजन में हल्की होने के साथ-साथ इसे ज्यादा साफ-सफाई की जरूरत नहीं है। मेंटेनेंस भी कम है।
पीसफुल प्रदेश कहकर कर चुके हैं इनकार
पुलिस मुख्यालय सूत्रों ने बताया कि करीब तीन साल पहले मप्र पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को इंटरनेशनल बिजनेस लाइसेंस (आईबीएल) के लिए आवेदन किया था। मकसद था कि पुलिस अमेरिका जैसे विकसित देशों से सीधे आधुनिक हथियार खरीद सके लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रदेश को पीसफुल स्टेट बताते हुए आईबीएल देने से इनकार कर दिया है। इसलिए देश में बनी एसॉल्ट राइफल की खरीदी की जा रही है।
एसॉल्ट और एके-47 में ज्यादा फर्क नहीं
जानकारों के मुताबिक मप्र पुलिस की सौ ईकाइयों में करीब 750 एके-47 हैं। एसॉल्ट राइफल और एके-47 में ज्यादा फर्क नहीं है। दूसरे देशों से एके-47 की खरीदी न कर पाने के कारण इंडियन ऑर्डिनेंस फैक्टरियों ने भी इसे बनाना शुरू कर दिया है। धीरे-धीरे सभी प्रदेशों की पुलिस ने इन्हीं राइफल्स को खरीदने के लिए आवेदन किया है। इससे पहले इंसास और सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर) जैसी बंदूकें देश में ही बनाई गई हैं।
- इसलिए जरूरी हैं आधुनिक हथियार
- ये हथियार हल्के हैं, रखने में सुविधाजनक।
- मारक क्षमता भी ज्यादा है।
- एके-47 से सस्ती और खरीदी प्रक्रिया भी आसान।
- मेंटेनेंस कम है, लंबे समय तक काम करने की क्षमता।