पॉलिटिकल प्रेशर के खिलाफ एकजुट हुए कर्मचारी

नईदिल्ली। देश का माहौल बदल रहा है। एक बार फिर अधिकारी/कर्मचारियों में कर्तव्य के प्रति गंभीरता दिखाई देने लगी है और इसी के साथ उन्हें जनसमर्थन भी मिल रहा है। अब तो पॉलिटिकल प्रेशर के खिलाफ कर्मचारी भी एकजुट होने लगे हैं। ताजा मामला उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ से आ रहा है।

यहां डीएम अभिषेक प्रकाश के तबादले के खिलाफ सैकड़ों कर्मचारी काम छोड़कर सड़क पर उतर आए। उन्होंने कलक्ट्रेट में जमकर नारेबाजी की और डीएम का तबादला आदेश रद करने की मांग उठाई। शासन पर बेवजह डीएम के तबादले का आरोप लगाया।

शासन ने मंगलवार की शाम यहां के डीएम अभिषेक प्रकाश और कमिश्नर टी. वेंकटेश का तबादला करते हुए प्रतीक्षा में रखा था। नई तैनाती नहीं देने के पीछे भी कोई कारण समझ में नहीं आ रही। यह आदेश की खबर यहां पहुंची तो राज्य कर्मचारी लामबंद होने लगे। उन्होंने शासन के इस फैसले का विरोध जताया और बुधवार को कलक्ट्रेट में प्रदर्शन का एलान कर दिया। बुधवार की सुबह करीब 11 बजे कलक्ट्रेट में ढाई सौ से अधिक कर्मचारी इकट्ठे हुए। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर तले कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। उन्होंने शासन की इस कार्यवाही पर तमाम गंभीर आरोप लगाए। डीएम को सहज और सरल बताते हुए तबादला रद करने की मांग की। इसकी खबर डीएम अभिषेक प्रकाश तक पहुंची। उन्होंने कर्मचारियों से शांत रहने की अपील की। उन्होंने इसे सामान्य प्रक्रिया बताया। काफी समझाने के बाद कर्मचारी शांत हुए। एसीएम द्वितीय डीपी सिंह को ज्ञापन सौंपा। संरक्षक उदयराज सिंह ने कहा कि जिले में सबकुछ ठीक चल रहा था। आठ माह में ही डीएम का तबादला समझ से परे है। इस मौके पर चौधरी धर्मवीर सिंह, मुनेंद्र पाल, शकुंतला देवी, अब्दुल गफ्फार खां, सुरेश हितैषी, जयपाल सिंह, चेतन, रजत भारद्वाज, सतवीर सिंह, प्रेमपाल सिंह, पीयूष साराभाई, सुरेंद्र चौधरी आदि थे।

राजनैतिक दबाव में हुआ तबादला
क्षत्रिय महासभा अलीगढ़ की कार्यकारिणी की आकस्मिक बैठक बुधवार को अवंतिका फेस-1 में प्रताप सिंह राघव के घर पर हुई। बैठक में प्रवक्ता सत्य प्रकाश सिंह चौहान ने कहा कि कोई डीएम यहां आठ माह से ज्यादा नहीं टिकता। आलोक कुमार बेहतर काम कर रहे थे, परंतु शासन को यह बर्दाश्त नहीं हुआ। इसके बाद, पंकज कुमार, राजीव रौतेला और अब अभिषेक प्रकाश का तबादला। शासन की मंशा पर प्रश्नचिह्न लगाता है। यही क्रम चलता रहा तो जिला और पिछड़ जाएगा। यहां सीपी सिंह, प्रताप सिंह राघव, सत्य प्रकाश सिंह चौहान, नेम सिंह सोलंकी, दलवीर सिंह, एमएस सिसौदिया, मुकेश तोमर, चरन सिंह, कुशलपाल सिंह, रमेश चंद्र वर्मा आदि थे।

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