E-commerce: 1 लाख नई नौकरियां

मुंबई। देश में ई-कॉमर्स कारोबार की बढ़ती रफ्तार के साथ इस क्षेत्र में अगले छह महीनों में एक लाख लोगों की आवश्यकता होगी। बड़े-बड़े कारोबारों को पीछे छोड़ इस उद्योग का आकार 12 अरब डॉलर से ज्यादा का हो चुका है। उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने यह बात कही।

ग्लोबल फर्म इनहेम लीडरशिप सॉल्यूशंस के कंट्री हेड प्रशांत नायर के अनुसार ई-कॉमर्स क्षेत्र में नियुक्ति गतिविधियों में खासी तेजी देखी जा रही है। यह अगले छह माह में भी बनी रहेगी। 2009 में ई-कॉमर्स उद्योग का आकार 3.8 अरब डॉलर का था, जो 2013 में बढ़कर 12.6 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।

यह सालाना 30 फीसद की रफ्तार से बढ़ रहा है। फिलहाल विशेषज्ञ इस सेक्टर के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती लोगों को जोड़कर रखने को मानते हैं। अन्य सेक्टरों के विपरीत ई-कॉमर्स सेक्टर में कार्य संस्कृति और नवप्रर्वतन महत्वपूर्ण होंगे।

क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों की कारोबार को बढ़ाने की जोरदार योजना है। लिहाजा वे नियुक्तियों को लेकर कंसेल्टेंटों की भी सेवाएं ले रही हैं। रिटेल सेक्टर को ई-कॉमर्स क्षेत्र से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।

विमानन, हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में नियुक्तियों में होगा तेज इजाफा
अर्थव्यवस्था में सुधार और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से भारतीय विमानन फर्मों और होटलों में निवेश से वर्ष 2015 में विमानन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में नियुक्तियां 40 फीसद तक बढ़ने की संभावना है।

एक्जीक्यूटिव सर्च फर्म ग्लोबलहंट के एमडी सुनील गोयल ने बताया कि 2015 नियुक्तियों के लिहाज से बेहद अहम होगा। इस वर्ष सेवा और विमानन जैसे क्षेत्र तेजी से बढ़ेंगे। इन क्षेत्रों में नियुक्तियों में पिछले वर्ष की तुलना में 30-40 फीसद तक इजाफा होगा।

केली सर्विसेज इंडिया एंड मलेशिया के एमडी कमल करंथ ने भी ऐसे ही विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान कई ग्लोबल होटल चेन ने भारत में निवेश किया है। इससे बड़े स्तर पर नौकरियां पैदा हुई हैं।

2015 में अकेले हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में 60 हजार से 80 हजार नौकरियां पैदा होंगी। इसी तरह एविएशन सेक्टर में अगले 10 वर्ष में 3.5 लाख नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।

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