नईदिल्ली। भारत जिसे अपना गौरव मानता है। उसकी हर सफलता पर जश्न मनाता है वो बॉबी जिंदल खुद को भारतीय तक नहीं मानते। वो नहीं चाहते कि उन्हें भारतीय अमेरिकी कहकर बुलाया जाए, वो खुद को सिर्फ अमेरिकी कहलाना पसंद करते हैं। अब इसे आप क्या कहेंगे, बॉबी जिंदल का देशद्रोह, गद्दारी या अपनी मूर्खता कि उसकी सफलताओं पर हम बेवजह इतराते रहे।
वाशिंगटन से आ रही खबर के अनुसार अमरीका के लूसियाना प्रांत के गर्वनर भारतीय मूल के बॉबी जिंदल ने अमरीका में रह रहे भारतीयों को निष्ठा का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि खुद को भारतीय अमरीकी कहना बंद करें।
उन्होंने स्वयं को भी भारतीय अमरीकी कहे जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि उनके माता पिता भारत से यहां अमरीकी बनने आए थे न कि भारतीय अमरीकी।
अमरीका में बसे आव्रजकों को अमरीका के बहु सांस्कृतिक समाज में पूरी तरह से घुल-मिल जाने की सीख देते हुए गर्वनर ने कहा कि जो लोग त्वचा के रंग के अंतर की बात करते हैं वे सबसे संकुचित मानसिकता वाले लोग होते हैं।
जिंदल ने कहा कि उनके माता-पिता अमरीकी स्वप्न की तलाश में आए थे,वह उन्होंने यहां पाया भी है। उनके लिए अमरीका महज कोई जगह नहीं बल्कि एक अवधारणा थी।
खुद को भारतीय अमरीकी कहे जाने से परहेज का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर हम भारतीय बनना चाहते, तो हम भारत में ही रूकते।
इसका मतलब यह नहीं है कि हम भारत से होने पर शर्मिदा हैं, हमें भारत से प्यार है लेकिन अमरीका इसलिए आए हैं क्योंकि हमें ज्यादा अवसरों और स्वतंत्रता की तलाश थी।
जिंदल ने कहा कि मैं हाइफन लगाकर अमरीकी कहे जाने वाली पहचान को स्वीकार नहीं करता। इस विचार के कारण मुझे मीडिया को लेकर कुछ शिकायत है।
मीडिया लोगों के साथ भारतीय-अमरीकी, आयरिश अमरीकी, अफ्रीकी अमरीका, इटेलियन अमरीकी, मेक्सिकन अमरीकी जैसे संबोधन लगाना पंसद करता है।
मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं लोगों को एक सेकेंड के लिए भी सुझाव नहीं देना चाहता कि वे अपनी उपवर्गीय विरासत को लेकर शर्मिदा हों।