रवि गुप्ता/छतरपुर। मामला सिंचाई विभाग का है। प्रमुख सचिव राधेश्याम जुलानिया से लेकर ईएनसी मदन गोपाल चौबे से लेकर कार्यपालन यंत्री और कलेक्टर तक गुहार लगाई। इतना ही नहीं हाईकोर्ट से आदेश जारी करवाया फिर भी सिंचाई विभाग के आला अफसरों के आंखों में एक बूंद आंसू भी नहीं आया।
मिली जानकारी के अनुसार बुन्देलखण्ड स्थित दमोह जिले में सिंचाई विभाग में उपयंत्री के पद पर कार्य करने वाले के.बी. गुप्ता जब अपने गृह जिला छतरपुर निवास लोकनाथ पुरम में आये हुये थे। तब उसी समय दिनांक 31 अगस्त 2003 की दरमियानी रात कुख्यात डकैतों ने डकैती डालते हुये खूनी खेल खेला और इसी खूनी खेल में डकैतों ने उपयंत्री की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद से परिवार के सदस्यों में उपयंत्री की पत्नी और तीन छोटे छोटे बच्चे परिवार का पालन पोषण करने में असमर्थ हो गये।
मृतक उपयंत्री के पुत्र गगन गुप्ता ने समय सीमा के अंदर नियमित अनुकंपा नियुक्ति हेतु दमोह कार्यपालन यंत्री सिंचाई विभाग, कलेक्टर दमोह के साथ साथ ईएनसी को आवेदन दिया। आवेदन पर निर्णय लेते लेते कई साल गुजर जाने के बाद माननीय हाईकोर्ट की शरण ली गई और वहां से निर्णय करवाया गया परन्तु आज बारह साल बाद भी मृतक उपयंत्री के पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल सकी। अनुकंपा नियुक्ति ना मिलने के कारण पूरा परिवार मानसिक, आर्थिक रूप से गुजर रहा है।
वर्तमान समय में भी प्रमुख सचिव राधेश्याम जुलानिया तक गुहार लगाई गई परन्तु ईएनसी ना जाने किस कारणवश अनुकंपा नियुक्ति करने में असमर्थता जाहिर कर निवेदन पत्र को निरस्त कर दिया।
मृतक उपयंत्री गगन गुप्ता के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन में हमारी माता जी एवं हमारी बहिनों का शपथ पत्र दिया गया जिसमें हमारे लिये अनुकंपा नियुक्ति देने का निवेदन किया गया है। यहां तक कि हमारे निवेदन पत्र पर पुलिस बेरीफिकेशन भी करवाया जा चुका है इसके बाबजूद भी ना तो दमोह कलेक्टर इस बारे में कोई कार्रवाई कर रहे हैं और ना ही कार्यपालन यंत्री सिंचाई विभाग दमोह इस बारे में कोई मदद कर रहे हैं। यह भी बताया कि कई बार ईएनसी के पास तक अपनी वेदनाओं को व्यक्त कर चुका हूं परन्तु वे किस कारण हमारी मदद नहीं कर पा रहे हैं इस बात को नहीं बताते हैं।
जबकि नियमानुसार मुख्यमंत्री की मंशानुसार अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों पर तत्काल नियुक्ति आदेश जारी करने के आदेश हैं परन्तु मुख्यमंत्री शिवराज सरकार के आदेशों को दरकिनार कर जिस तरीके से प्रताडना का काम बारह सालों से किया जा रहा है वह अपने आपमें रोंगटे खडा करने वाला ही है। यह भी बताया कि हमारी माता जी यही सोच सोच कर अपनी सोच भूल बैठीं हैं कि शिव राज में भी वास्तिविक शिव शंकर भी मदद करने में शायद अपनी असमर्थता जाहिर कर रहे हैं।
ऐसी राजनीति और समाजसेवा के कददावरों के क्रिया कलापो का भगवान ही मालिक है। गगन गुप्ता को अभी भी उम्मीद है कि अगर कोई भी मुख्यमंत्री के पास तक हमारा प्रकरण पहुंचा दे तो शायद मुख्यमंत्री की आंखें नम होकर हमको अनुकंपा नियुक्ति दिला सकते हैं। यह भी कहा है कि आशा से आसमान टिका है और हमें हमारी मंजिल मुख्यमंत्री जी जरूर दिलायेंगे।