NRHM संविदा नियुक्तियां: किदवई की गलती कर्मचारी क्यों भुगतें

भोपाल। एनआरएचएम में इन दिनों चल रहीं संविदा नियुक्तियों में मिशन संचालक आईएएस फैज अहमद किदवई की एक लापरवाही के कारण कई योग्य अभ्यर्थियों को परेशान होना पड़ रहा है। श्री किदवई ने इस नियुक्ति प्रक्रिया में क्रॉस चैकिंग सिस्टम कुछ इस तरह से डिजाइन किया कि पात्र और अपात्रों में कोई अंतर ही नहीं रह गया। एक तरह से लॉटरी सिस्टम से पदस्थापनाएं मिल रहीं हैं। अभ्यर्थियों ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए प्रमुख सचिव को आवेदन दिया है। देखना यह है कि वरिष्ठ अधिकारी इस गलती को सुधारने की प्रक्रिया पर काम करते हैं या नहीं, फिलहाल पढ़िए वो शिकायत जो अभ्यर्थियों द्वारा की गई:—

प्रति,
आदरणीय प्रमुख सचिव महोदय,
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग
मध्यप्रदेश भोपाल
विषयः-शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत रिक्त संविदा पदों हेतु एमपी आॅनलाईन द्वारा जारी की गई सूची से दिनांक 08 व 09 दिसम्बर 2014 को एनआरएचएम कार्यालय भोपाल में आयोजित दस्तावेज सत्सापन एवं साक्षात्कार उपरांत पात्र अभ्यार्थियों को मानसिक रुप से प्रताड़ित करने बावत्।

आदरणीय महोदय,
उपरोक्त विषय में निवेदन है कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन भोपाल द्वारा एमपी आॅनलाईन के माध्यम से नेशनल अर्बन हैल्थ मिशन के जिला स्तरीय पदों की चयन सूची जारी की गई है जिसमें आवेदकों द्वारा कई जानकारियां गलत दर्ज कराई गईं थी। गलत जानकारी दर्ज कराये जाने के कारण वे अन्य सही जानकारी वाले आवेदकों से वरीयता सूची में ऊपर आ गये है।

दिनांक 08.12.14 को सिटी प्रोग्राम मैनेजर व 09.12.14 को सलाहकार अनुश्रवण एवं मूल्यांकन अधिकारी के दस्तावेज सत्यापन व साक्षात्कार उपरांत गलत जानकारी वाले आवेदकों को अपात्र घोषित कर आगे की कार्यवाही प्रस्तावित की जा रही है।

महोदय, निवेदन है कि जब पात्र आवेदकों द्वारा पुनः सूची का पुनरावलोकन कर पुनरीक्षित कर वरीयता क्रम आधार पर जिला आवंटन (मांगे गये) हेतु निवेदन किया गया तो श्री राजीव श्रीवास्तव सर ने कहा कि हम यह नहीं करेंगें चाहे आपका प्रथम चयनित जिला आपसे कम अंक वाले को ही दिया जावेगा। तथा डाॅ. फैज अहमद किदवई, मिशन संचालक महोदय ने तो डांट फटकार कर भगा दिया कि हमारे पास और भी काम है आपको काम करना है तो करो नही वापस जाओ।

महोदय निवेदन है कि उक्त कार्य जो कि एनआरएचएम के अधिकारियों द्वारा संपादित किया जा रहा है वह न्यायोचित नहीं है क्योंकि गलत जानकारी के कारण कई अपात्र अभ्यार्थियों ने पात्र अभ्यार्थियों को चयन सूची से बाहर कर दिया और पात्र अभ्यार्थियों को उनके द्वारा चयनित प्रथम जिलों से बाहर कर दिया है।

नियमतः उपरोक्त दिनांक को दस्तावेज सत्यापन एवं साक्षात्कार उपरांत अपात्र अभ्यार्थियों को तो बाहर का रास्ता दिखाने की कार्यवाही की जा रही है परन्तु सूची पुनरीक्षित नहीं की जा रही है जिससे पात्र अभ्यार्थियों को उनके द्वारा चयनित प्रथम जिला नहीं मिल पा रहा है तथा वेटिंग लिस्ट अनुसार कम अंक वाले आवेदकों को शेष जिलों हेतु वेटिंग लिस्ट से लेने की बात कर रहें है। यह नियमानुसार नहीं है।

महोदय निवेदन है कि दिनांक 08 एवं 09.12.14 को उपस्थित पात्र आवेदकों को वरीयता सूची अनुसार लिस्ट बनाकर नियमानुसार उनके द्वारा क्रमश: चयनित जिलों का आवंटन कराने की कृपा करें फिर शेष बचे हुये जिलों हेतु चयन प्रक्रिया प्रारंभ कराने की कृपा करें।

क्योंकि गलती विभाग द्वारा की गई है और उसका परिणाम चयनित कर्मचारियों को भुगतने हेतु दबाव डाला जा रहा है अधिक वेटेज अंक वाले आवेदक अपने द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ ...क्रमश: जिला आवंटित किया गया है में ही कार्य करने का दबाव बनाया जा रहा है और कम वेटेज वाले आवेदकों का अधिक वेटेज वाले आवेदकों का प्रथम चयनित जिला आवंटित करने की कार्यवाही की जा रही है।

यदि दस्तावेज सत्यापन एवं साक्षात्कार आदि की प्रक्रिया पूर्व में पूर्ण की जाती तो केवल पात्र आवेदकों का ही चयन हो पाता और उनको उनके द्वारा चयनित प्रथम जिला आवंटित हो जाता।

महोदय निवेदन है कि आप ही स्वयं निर्धारण करें कि यदि गलती विभाग की हो तो उसका पालन करने के लिये नवीन चयनित कर्मचारियों के ऊपर क्यों दबाव डाला जा रहा है।

उक्त गलती के लिये वरिष्ठ विभागीय अधिकारी (श्री फैज अहमद किदवई-मिशन संचालक, डाॅ. राजीव श्रीवास्तव-उप संचालक, एच.आर., डाॅ. विनय दुबे-उप संचालक एनयूएचएम आदी) जबावदार हैं।

अतः महोदय से निवेदन है कि उक्त अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही कर परेषान एवं पीडित कर्मचारियों के साथ न्याय करने की कृपा करें।

अजय पाल
जिला जबलपुर
प्रतिलिपि-
1. माननीय मुख्यमंत्री महोदय, मध्यप्रदेश शासन
2. माननीय स्वास्थ्य मंत्री महोदय, मध्यप्रदेश शासन
3. समाधान आॅन लाईन हेतु
4. मुख्यमंत्री शिकायत-181
5. संपादक महोदय भोपाल समाचार डॉट कॉम


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