नई दिल्ली। अगले साल के शुरू में रेल यात्रा महंगी हो सकती है। माना जा रहा है कि फरवरी में पेश होने वाले रेल बजट में ऊर्जा की बढ़ती लागत का बोझ यात्रियों पर डालने के लिए रेल किरायों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया जा सकता है। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ईंधन समायोजन से संबंधित किराया संशोधन दिसंबर में होना है, जिसे फरवरी में बजट में प्रभावी किया जा सकता है।
अधिकारी ने कहा कि हाल के महीनों में ऊर्जा की लागत चार प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। रेलवे की घोषित नीति के अनुसार ईंधन और ऊर्जा की लागत से संबंधित यात्री किराए और मालभाड़े में साल में दो बार संशोधन किया जाना है। अंतिम बार संशोधन जून में किया गया था। उस समय यात्री किरायों में 4.2 प्रतिशत और माल ढुलाई भाड़े में 1.4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी।
किरायों में बढ़ोतरी से पहले
हाल में किरायों में बढ़ोतरी का संकेत देते रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने एक कार्यक्रम में कहा था कि कुछ बोझ तो लोगों को उठाना होगा। रेलवे के बढ़ते खर्चों को पूरा करने के लिए किरायों में बढ़ोतरी की संभावना के बारे में पूछे जाने पर प्रभु ने इसकी संभावना से इनकार नहीं किया था। सुधार समर्थक माने जाने वाले प्रभु ने कहा था कि किरायों में बढ़ोतरी से पहले यात्री सेवाओं में सुधार किया जाना चाहिए।
सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता, भारी निवेश की जरूरत है। इसका कुछ बोझ तो लोगों को उठाना होगा। उन्होंने कहा था कि रेलवे को बड़े निवेश की जरूरत है। निवेश के लिए कोई कोष नहीं है। घोषित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 6 से 8 लाख करोड़ रुपये की जरूरत है। पदभार संभालने के बाद प्रभु ने रेलवे को पटरी पर लाने के लिए कई कदम उठाए हैं।