भोपाल। देश की एडमिशन एंड फीस कमेटी बीएड की फीस नए सिरे से तय करने वाली है। कॉलेज संचालक फीस एमएड के बराबर यानि 40-50 रुपये तक करवाना चाहते हैं।
उन्होंने उत्तरप्रदेश और दिल्ली के फीस स्ट्रक्चर का हवाला दिया है। इधर, कमेटी ने अभी कॉलेजों से कुंडली और आय-व्यय का पूरा हिसाब मांगा है। जिसके आधार पर ही फीस तय होनी है। सत्र 2014-15 से नई फीस लागू होगी।
कमेटी ने शिक्षकों की सुविधा और उनके वेतन के आधार पर कॉलेजों की फीस तय करने की योजना बनाई है। इसके लिए सभी कॉलेजों ने पिछले सालों के ऑडिट रिपोर्ट, शिक्षकों को भुगतान किया गया वेतन का बैंक स्टेटमेंट जैसी जानकारी मांगी है। इसके लिए विभाग ने 15 अप्रैल का वक्त तय किया था।
चुनाव के कारण महज 152 बीएड कॉलेज ही इस जानकारी को जमा कर पाए। जबकि प्रदेश भर में एनसीटीई से मान्यता प्राप्त कॉलेजों की संख्या 284 है। तकरीबन आधे कॉलेजों से दस्तावेज नहीं मिल पाए थे। ऐसी स्थिति में कमेटी की ओर से 15 दिन का और वक्त दिया है। 30 अप्रैल तक बीएड कॉलेजों को जानकारी देनी है। जानकारी का आकलन करने के बाद फीस कमेटी बीएड की फीस तय करेगी।
छठवे वेतनमान का हवाला
निजी बीएड कॉलेज संचालकों ने छठवे वेतनमान का हवाला दिया है। उनके अनुसार शिक्षकों को यूजीसी के मापदंड के अनुरुप वेतन देना वर्तमान फीस में मुमकिन नहीं होता है। दूसरे प्रदेशों में बीएड की फीस 40 से 50 हजार रुपये ली जाती है। इसलिए मध्यप्रदेश में भी बीएड की फीस बढ़ाई जानी चाहिए। ज्ञात हो कि अभी शासन ने बीएड की फीस 25 हजार रुपये तय की है।
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अभी बीएड कॉलेजों ने उनके आय-व्यय का पूरा ब्योरा प्रमाणित दस्तावेज के साथ मांगा गया है। कमेटी ने जानकारी देने के लिए 30 अप्रैल का वक्त दिया है। उसके बाद फीस तय होगी। जो 2014-15 से लागू होगी।
सुनील कुमार
ओएसडी एडमिशन एंड फीस कमेटी, भोपाल