शादी विवाह में चुनाव आयोग का क्या काम, गुस्साए परिजन, पूछा सवाल

भोपाल। आचार संहिता की आड़ लेकर जिला प्रशासन के अफसरों ने शादी समारोहों को भी निशाने पर ले लिया है। एक एसडीएम ने तो दूल्हे को घोड़ी पर बिठाकर प्रोसेशन (बिंदौली) निकालने के लिए पहले प्रशासन की अनुमति और पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य कर दिया।

इस फरमान से तंग लोगों ने मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत का दरवाजा खटखटाया है। चुनाव आयोग ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से पूछा है कि यह कौन सी तुक है कि दूल्हा घोड़ी पर तभी बैठे, जब अनुमति मिल जाए। कलेक्टरों को ताकीद की गई है कि आचार संहिता की आड़ में लोगों को परेशानी नहीं होना चाहिए।

दरअसल, प्रदेश में कलेक्टरों ने चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद धारा 144 प्रभावी होने से शादी समारोह के तहत होने वाली बिंदोली, माता-पूजन, चाक-भात और बारात जैसे पारंपरिक कार्यक्रमों में भी प्रशासन की अनुमति लेना आवश्यक कर दिया है। इससे लोगों में बेचैनी है कि शादी ब्याह की व्यस्तता में जरूरी काम निपटाएं या अनुमति के लिए प्रशासन के चक्कर काटें।

कलेक्टर से मांगा जवाब
नीमच के एसडीएम के आदेश के खिलाफ वहां के निवासी चंद्रशेखर गौड़ ने चुनाव आयोग की शरण ली थी। आयोग के सचिव बर्नार्ड जॉन ने सीईओ को पत्र लिखा। यहां से नीमच कलेक्टर से जवाब मांगा गया है।

परमिशन की प्रक्रिया लंबी
शादी और बारात के लिए परमिशन की प्रक्रिया लंबी हो गई है। सबसे पहले एसडीओ या एसडीएम को शादी के कार्ड के साथ अर्जी देना पड़ती है। ऐसे आवेदन पर एसडीओ या एसडीएम टीप लगाकर सीएसपी को भेजते हैं, जहां से इसे संबंधित क्षेत्र के टीआई को भेजा जाता है। इसके बाद एसडीओपी थाना क्षेत्र से मिली रिपोर्ट पर परमिशन देते हैं। जिन परिवारों में शादियां हैं, उन्हें परमिशन के लिए यहां से वहां चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

आतिशबाजी और बैंड की अनुमति जरूरी नहीं
एडीएम बीएस जामोद ने बताया कि एयरपोर्ट के आसपास छोड़कर बाकी शहर में बारात में आतिशबाजी के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है। बारात में बैंड बजाने की भी परमिशन लेने की जरूरत नहीं है।

लाउड स्पीकर के लिए अनुमति जरूरी
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव के मुताबिक  धारा 144 लगी होने से सभी के लिए लाउड स्पीकर के उपयोग की अनुमति लेना जरूरी है।

डीजे पर पूरी तरह रोक
शादी समारोह या अन्य कार्यक्रमों में डीजे साउंड सिस्टम की अनुमति नहीं दी जा रही है। डीजे की अनुमति के लिए आए 50 से ज्यादा आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है। सभी एसडीएम से भी कहा गया है कि वे डीजे के लिए अनुमति जारी न करें।

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