व्यामपं मामले को हम घोटाला नहीं मानते: भाजपा नेता अंतर कुमार ने कहा

भोपाल। डेमेज कंट्रोल के लिए इन दिनों मालवा पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अनंत कुमार आडवाणी के संदर्भ में किए गए सवालों में बुरी तरह घिर गए, इसके अलावा मध्यप्रदेश के व्यापमं मामले में उन्होंने कहा कि 'हम इसे घोटाला ही नहीं मानते।' अनंत कुमार के इस बयान से प्रेस कान्फरेंस में सनाका खिंच गया।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अनंतकुमार रविवार को झाबुआ पहुंचे। यहां मीडिया ने उनसे बिहार के भाजपा नेता गिरिराज सिंह के बयान पर सवाल पूछा। उन्होंने जवाब दिया कि गिरिराज को संयम बरतना चाहिए था। राजनीति में संयमित भाषा का उपयोग करना चाहिए। गिरिराज सिंह ने बयान दिया था कि मोदी का विरोध करने वालों को पाकिस्तान जाना होगा। रविवार को चुनिंदा कार्यकर्ताओं की बैठक लेने अनंतकुमार सुबह सा़ढे 11 बजे झाबुआ आए।

उनके साथ प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन भी थे। यहां के एक निजी स्कूल में मीटिंग के पहले मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि देश और झाबुआ में परिवर्तन की लहर है। कांतिलाल भूरिया यहां से 4 बार सांसद रहे, लेकिन उन्होंने विकास के लिए कुछ नहीं किया जबकि उनके पास अवसर था। दाहोद से इंदौर की रेल लाइन भी वह नहीं डलवा पाए। हम देश में बहस चाहते हैं, लेकिन न मनमोहनसिंह, न सोनिया गांधी और न राहुल गांधी इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह फरार हैं। वे न सभा में हैं और न ही किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में। यह एक प्रश्नचिन्ह है। कांग्रेस अफवाहों की राजनीति कर रही है और हम सकारात्मक कैम्पेन कर रहे हैं।

व्यापमं घोटाला, घोटाला ही नहीं

मप्र में व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले को लेकर किए गए सवाल पर अनंतकुमार ने कहा कि हम इसे घोटाला ही नहीं मानते। अभी कोर्ट ने सीबीआई से जांच कराने से इंकार कर दिया है। इस मामले में समय पर सारी कार्रवाई की गई है। भविष्य में सारा सच लोगों के सामने आएगा।

आडवाणी के सवालों में घिरे

अनंतकुमार प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बार-बार लालकृष्ण आडवाणी से जु़़डे सवालों से घिरे रहे। हालांकि इसके बदले उन्होंने कांग्रेस पर आरोप डालकर जवाब दिया। आडवाणी से जु़डे कुछ सवाल और उनके जवाब इस तरह थे-

सवाल- आप मनमोहनसिंह की बात कर रहे हैं, लेकिन आडवाणी की हालत भी कुछ ऐसी ही हो रही है। अकेले उन्हें सभाएं नहीं दी जा रही हैं। कोई दूसरा स्टार प्रचारक साथ में जरूर है।
जवाब-मनमोहनसिंह 120 करोड़ लोगों के प्रधानमंत्री हैं। वह भी दस साल से। वे नाइट वाचमैन की भूमिका में हैं। प्रधानमंत्री खुद चुनाव के समय पलायन कर गए जबकि आडवाणी 87 साल की उम्र में भी पूरे देश में भ्रमण कर रहे हैं।

सवाल-शनिवार को थांदला की सभा में आडवाणी ने गांधी-नेहरू की तारीफ की और कहा कि मजबूत संविधान बनाने में इन दोनों महान नेताओं का हाथ है।
जवाब-लालकृष्ण आडवाणी की राजनीतिक आयु जितनी है, उतनी हमारी आपकी कुल आयु नहीं है। उन्होंने इसे अलग परिप्रेक्ष्य में कहा। गांधी के कहने पर नेहरू ने वैचारिक विरोधी डॉ. अम्बेडकर और डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को साथ लिया। इसे सकारात्मक रूप में देखा जाना चाहिए।

सवाल-थांदला की सभा में लालकृष्ण आडवाणी ने एक बार भी भाजपा या दिलीपसिंह भूरिया को वोट देने की अपील नहीं की।
जवाब-वे पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। वे कई बार मोदी की खूब सराहना और प्रशंसा कर चुके हैं। वे मोदी को देश का भविष्य बता चुके हैं।

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